पंजाब के पांच शहरों में अगले साल अप्रैल तक लटके नगर निगम के चुनाव
[ad_1]
पंजाब। पांच शहरों में नगर निगम चुनाव अगले साल अप्रैल तक होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। वार्ड सर्वेक्षण में जनसंख्या 2011 के मुकाबले कम हो गई है। इतना ही नहीं वार्डबंदी से लेकर वार्ड की काट-छांट, महिलाओं और एससी/एसटी के लिए वार्डों का आरक्षण भी किया जाएगा। इन सभी में समय लग सकता है। इसलिए अभी अप्रैल तक निगमों के चुनाव होने की संभावना नहीं दिख रही।नगर निगम के चुनाव स्थानीय निकाय विभाग की चुनाव शाखा ही करवाती है लेकिन आचार संहिता के मामले में चुनाव आयोग की पूरी गाइडलाइन का पालन किया जाता है। स्थानी निकाय विभाग के चुनाव विंग ने नगर निगमों के चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थीं। जालंधर, अमृतसर, पटियाला, लुधियाना व फगवाड़ा में चुनाव जनवरी माह में होने की प्रबल संभावना जताई जा रही थी।
हर जिले में क्षेत्रफल बढ़ने से दोबारा सर्वेक्षण किया गया तो मतदाताओं की संख्या बढ़ने के बजाय घट गई। जालंधर में 2011 में जनसंख्या 9 लाख 16 हजार 735 थी और आसपास के कई गांव निगम क्षेत्र में शामिल होने से जनसंख्या 10 लाख 50 हजार के आसपास होने की उम्मीद थी लेकिन सर्वेक्षण में जनसंख्या गिरकर 8 लाख 74 हजार रह गई। इससे नेताओं व अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गए कि वार्डों के सर्वेक्षण सही नहीं हैं, लिहाजा दोबारा करवाने की जरूरत है। इतना ही नहीं तमाम जिलों में पांच पांच वार्ड बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। इस पूरी प्रकिया से गुजरने में वक्त लगना तय है।
किस जिल में कितने वार्ड
- अमृतसर – 85
- जालंधर – 85
- लुधियाना- 95
- पटियाला – 60
- फगवाड़ा- 50
नगर निगम में मेयर का कार्यकाल जनवरी माह में खत्म हो जाएंगे जबकि लुधियाना का मार्च में। जालंधर में 24 जनवरी को हाउस व मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का पद खाली हो जाएगा। जालंधर, अमृतसर व पटियाला में नगर निगम का कार्यकाल जनवरी में खाली हो जाएगा और कमान निगम कमिश्नर के हाथ आ जाएगी।
पहले वार्ड का सर्वे होगा कि कितनी जनसंख्या है। इसके बाद वार्डबंदी को लेकर चंडीगढ़ में बैठक होगी। वार्ड काटछांट कर तैयार किए जाएंगे। एससी-एसटी व महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित किए जाएंगे। वार्डबंदी का नया नक्शा चंडीगढ़ में तैयार होगा। इसके पश्चात वार्डबंदी का नक्शा जिलों में भेजा जाएगा फिर वार्डबंदी पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसके लिए एक माह का समय दिया जाएगा। निगम कमिश्नर आपत्तियों को सुनेंगे और फिर अपनी रिपोर्ट चंडीगढ़ भेजेंगे। चंडीगढ़ में वार्डबंदी फाइनल की जाएगी। इसके बाद निकाय विभाग चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन जारी करेगा। निकाय विभाग का चुनाव विंग चुनाव करवाएगा।
आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में है। आप विधायकों की पूरी ताकत लगेगी कि वह वार्डबंदी अपने मुताबिक करवाएं ताकि उनके उम्मीदवार आसानी से जीत सकें लेकिन कांग्रेस भी पूरा जोर लगाएगी कि वार्डबंदी पुरानी ही रहे और उनके पार्षद दोबारा जीत सकें। पंजाब में मान सरकार बदलाव लेकर आई है। अधिकारियों को बताया गया है कि कांग्रेस ने अपनी मनमर्जी मुताबिक 2017 में वार्डबंदी करवाई थी, उसको ठीक करना होगा। इसलिए संभव है कि चुनाव अप्रैल में हों।
[ad_2]
Source link