उत्तराखंड

नवजोत सिंह को आलाकमान से अपॉइंटमेंट तक नहीं मिला, शिकायतें भी नहीं सुनीं गईं

[ad_1]

चंडीगढ़ . पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu) की दिल्‍ली यात्रा पर तमाम चर्चाएं हैं. ऐसा बताया गया है कि पार्टी आलाकमान ने उन्‍हें बिना अपॉइंटमेंट (appointment) दिए, पंजाब लौटा दिया और शिकायतों के लिए पंजाब प्रभारी हरीश रावत (harish rawat) से मिलने को कहा है. सिद्धू बुधवार देर रात दिल्‍ली गए थे और उन्‍हें उम्‍मीद थी कि पार्टी आलाकमान उनकी बातों और शिकायतों को सुनेगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. एआईसीसी महासचिव हरीश रावत मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे, जहां उनकी मुलाकात सिद्धू से हुई थी.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि रावत और सिद्धू की मुलाकात कुछ समय के लिए थी, इसके बाद रावत ने अमरिंदर सिंह और उनके खेमे के विधायकों से भेंट की थी. जब रावत, मुख्‍यमंत्री और उनके साथियों से मिल रहे थे, तब सिद्धू ने दिल्‍ली जाने का फैसला किया था. सिद्धू और पंजाब के मुख्‍यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच का तनाव अभी खत्‍म नहीं हुआ है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सिद्धू इस उम्‍मीद से दिल्‍ली गए थे कि वे अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकेंगे और उन्‍हें शिकायतों के बारे में बताएंगे, लेकिन ऐसा करने में वे असफल रहे.

ये भी पढ़ें : कांग्रेस प्रवक्‍ता खेड़ा ने साधा केंद्र पर निशाना, कहा- कांग्रेस ने जो 70 वर्षों में बनाया, भाजपा उसे बेच रही

ये भी पढ़ें : अनिल देशमुख मामलाः महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई को सौंपे जांच के दस्तावेज

सिद्धू ने अमरिंदर सरकार द्वारा वादों को पूरा नहीं करने पर नाराजगी व्‍यक्‍त की थी. वहीं, पंजाब में पार्टी को लेकर एआईसीसी महासचिव हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया था कि ‘ मैं यह नहीं कहूंगा कि सबकुछ ठीक है.’ सूत्रों ने बताया कि दिल्‍ली में नवजोत सिद्धू को आलाकमान से अपॉइंटमेंट तक नहीं मिल सका, बल्कि उन्‍हें सलाह दी गई कि ‘जो शिकायतें हैं, वे पार्टी प्रभारी हरीश रावत के सामने रखीं जाएं.’

सिद्धू को दिल्‍ली से ऐसे जवाब और व्‍यवहार की कल्‍पना तक नहीं थी. हालांकि यह उनके लिए दूसरा झटका है. इससे पहले जब कुछ विधायकों ने मुख्‍यमंत्री हटाने की मांग रखी थी और वे इस सिलसिले में देहरादून जाकर हरीश रावत से भी मिले थे. यह मुहिम सफल नहीं हो पाई थी और बाद में रावत ने मीडिया से कहा था कि ‘ कैप्‍टन अमरिंदर को हटाने की कोई योजना नहीं है.’ पंजाब में कांग्रेस पार्टी के दो खेमे आमने-सामने हैं, इनके संघर्ष विराम के दावों के बावजूद सिद्धू और कैप्‍टन के तेवरों में कोई अंतर नहीं आया है. सिद्धू कुछ पुराने चुनावी वादों को लागू करने में कथित विफलता को लेकर कैप्टन अमरिंदर सरकार की तीखी आलोचना करते रहे हैं.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *