उत्तराखंड

नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे ने कांग्रेस हाईकमान को किया शर्मसार! अपनों ने ही मारे ताने

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चंडीगढ़/नई दिल्ली. पंजाब (Punjab) में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के कांग्रेस (Congress) इकाई के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी एक बार फिर सकते में है. सिद्धू ने ना सिर्फ पार्टी नेताओं बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को भी चौंका दिया. पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धू की ‘लोकप्रिय’ व्यक्ति के रूप में प्रशंसा कर रहे थे. वह सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ आने वाले चुनावों में पार्टी का ‘संयुक्त’ चेहरा थे. सिद्धू ने गांधी भाई-बहनों, विशेषकर प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कथित करीबी के बावजूद सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की जानकारी दी. इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि प्रियंका को भी इसकी जानकारी नहीं थी.

पार्टी ने काफी हद तक सिद्धू के कहने पर पंजाब इकाई में अहम फेरबदल किए गए. वहीं बिना कैप्टन अमरिंदर सिंह को जानकारी दिए विधायक दल की बैठक बुलाने का फैसला भी सिद्धू का ही था. इन सबके बीच पार्टी सांसद इस बात पर भड़क गए कि राज्य इकाई में किए गए बदलावों पर उनकी बात नहीं सुनी गई.

सिद्धू ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी क लिखी चिट्टी में कहा कि ‘वह कुछ फैसलों पर ‘समझौता’ नहीं करेंगे इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं’. सिद्धू के इस बयान ने गांधी परिवार को शर्मनाक स्थिति में डाल दिया है. सिद्धू का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब कांग्रेस हाईकमान राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय नेतृत्व में पुनर्गठन पर बारीकियों से काम कर रहा है.

कांग्रेस नेताओं ने मारे ताने…
कांग्रेस के लिए इस शर्मसार स्थिति के बीच कई नेताओं ने ताने मारे. अमरिंदर ने ट्वीट किया- ‘मैंने आपसे कहा था … वह एक स्थिर व्यक्ति नहीं और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए फिट नहीं है.’ जी-23 के सदस्य और सांसद मनीष तिवारी ने एक पंजाबी गीत ट्वीट किया जिसमें चंचल युवा लड़कियों से दोस्ती न करने की सलाह है. इसमें कहा गया है ‘जो आसानी से दोस्त बनती हैं, लेकिन जल्दी से नाराज भी हो जाती हैं.’

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार दिवंगत पीएम लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने पार्टी से बाहरी लोगों को शामिल होने से कम से कम पांच साल बाद कोई महत्वपूर्ण पद नहीं देने को कहा. राहुल गांधी के सहयोगी निखिल अल्वा ने कहा, ‘पंजाब कांग्रेस इस कहावत का जीता-जागता सबूत है कि वास्तविकता कल्पना से अलग होती है.’ उधर कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने सिद्धू के इस्तीफे को ‘भावनात्मक प्रतिक्रिया’ बताया. उन्होंने कहा, ‘सब ठीक हो जाएगा.’

अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या कांग्रेस इस पेचीदा समस्या का कोई हल निकाल पाती है या नहीं. कई लोगों का मानना है कि अगर सिद्धू कांग्रेस से बाहर निकलते हैं तो यह पार्टी के लि बुरा होगा.

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