उत्तराखंड

किसी भी व्यक्ति को उसकी मर्जी के खिलाफ टीका लगाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

[ad_1]

नई दिल्ली. केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी कोविड-19 टीकाकरण दिशानिर्देशों में किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसका जबरन टीकाकरण कराने की बात नहीं की गई है. दिव्यांगजनों को टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाने से छूट देने के मामले पर केंद्र ने न्यायालय से कहा कि उसने ऐसी कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी नहीं की है, जो किसी मकसद के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखने को अनिवार्य बनाती हो.

केंद्र ने गैर सरकारी संगठन एवारा फाउंडेशन की एक याचिका के जवाब में दायर अपने हलफनामे में यह बात कही. याचिका में घर-घर जाकर प्राथमिकता के आधार पर दिव्यांगजनों का टीकाकरण किए जाने का अनुरोध किया गया है. हलफनामे में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश संबंधित व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना जबरन टीकाकरण की बात नहीं कहते.’’ केंद्र ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मर्जी के बिना उसका टीकाकरण नहीं किया जा सकता.

UP Chunav : राकेश टिकैत की दो टूक, कहा- हम किसी पार्टी का नहीं कर रहे समर्थन, सीएम योगी की जीत जरूरी

16 जनवरी 2021 को देश में शुरू हुआ था टीकाकरण
भारत में टीकाकरण अभियान पिछले साल 16 जनवरी से तब शुरू हुआ था, जब पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की खुराकें दी गईं थी. इसके बाद अग्रिम मोर्चे के अन्य कर्मियों के लिए टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था. कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ, जिसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया गया, जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां थी.

यूपी के कारण बिहार में छिड़ी महाभारत! क्या टूट जाएगा बीजेपी-जेडीयू गठबंधन? जानें इनसाइड स्टोरी

अभियान के अगले चरण में 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से शुरू हुआ था सरकार ने 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के टीकाकरण की अनुमति देकर अभियान का दायरा एक मई 2021 से और बढ़ा दिया था.

इस साल 3 जनवरी से 15 से 18 साल वालों के लिए टीकाकरण
इसके बाद 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान का अगला चरण इस साल तीन जनवरी से शुरू हुआ. भारत ने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड टीके की एहतियाती खुराक देना 10 जनवरी से शुरू कर दिया, जिसमें मतदान वाले पांच राज्यों में तैनात मतदानकर्मी और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया है. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप के प्रसार को रोकने की कवायद के तहत एहतियाती खुराक दी जा रही है.

रविवार सुबह सात बजे तक की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोविड-19 टीकाकरण के तहत 156.76 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं. लगभग 43.19 लाख एहतियाती खुराकें और 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 3,38,50,912 लाभार्थियों को भी पहली खुराक दी जा चुकी हैं.

Tags: Coronavirus, Coronavirus news, Coronavirus vaccination, Coronavirus vaccine, Supreme Court

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *