अब बचे खाद्य तेल से बने बायोडीजल से दौड़ेगी आपकी कार, डीजल से है 40 फीसदी सस्ता
[ad_1]
नई दिल्ली. देश में डीजल की गाड़ियां दौड़ाने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है. पेट्रोल (Petrol) के विकल्प के रूप में मौजूद सीएनजी (CNG) और एलपीजी (LPG) के बाद अब डीजल की गाड़ियों के लिए भी सस्ता और बेहतर ईंधन मिलने जा रहा है. देश में पहली बार खाने के बचे या जले हुए तेल (Used Cooking Oil) से बायोडीजल (Biodiesel) बनाया गया है जो डीजल के मुकाबले करीब 40-50 फीसदी सस्ता है. ऐसे में देश में पेट्रोल और डीजल (Diesel) के आसामान छूते दामों से ढीली होने वाली जेब पर लगाम लगाने के लिए भी बायोडीजल को एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है.
हाल ही में देहरादून के सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (CSIR-IIP) के वैज्ञानिकों ने सामान्य तापमान (Room Temperature) पर बचे या जले हुए खाने के तेल से बायोडीजल बनाया है. इसे डीजल का किफायती विकल्प कहा जा रहा है. खास बात है कि खाने वाले तेल को अधिकतम तीन बार इस्तेमाल किया जा सकता है इसके बाद उसमें हुए रिएक्शन से वह जहरीला हो जाता है और खाने के लिए उपयोगी नहीं रहता. लिहाजा इस्तेमाल होने के बाद बचे या जले हुए इस कुकिंग ऑयल से बनने वाला यह बायोडीजल प्रदूषण मुक्त ईंधन (Pollution Free Fuel) है और डीजल की तरह वायुमंडल को नुकसान नहीं पहुंचाता है.
सीएसआईआर-आईआईपी के बायोफ्यूल डिविजन में वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. नीरज अत्रे ने कहा कि बायोडीजल भविष्य का ईंधन है. देश के वैज्ञानिक लगातार सस्ते और आसानी से उपलब्ध संसाधनों से तैयार होने वाले ऊर्जा के विकल्प तलाश रहे हैं. इस दौरान प्रदूषण स्तर नियंत्रण भी एक बड़ी चुनौती है. हालांकि अब बायोडीजल इन सभी मानकों पर खरा है. इसे सामान्य तापमान पर ही महज पांच मिनट की प्रोसेसिंग से बनाया जा सकता है. न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में अत्रे ने बायोडीजल को लेकर पूरी जानकारी दी है साथ ही बताया है कि आने वाले समय में यह कैसे वाहनों में इस्तेमाल होगा.
क्या है बायोडीजल, डीजल से कैसे है अलग
देश में बायोडीजल, डीजल के विकल्प के रूप में उभर रहा है. हाल ही में आईआईपी देहरादून में यूज्ड कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाया गया है.
डॉ. अत्रे कहते हैं कि बायोडीजल मुख्य रूप से पेड़-पौधों के बीजों की प्रोसेसिंग से निकलता है. यह एडिबल या नॉन एडिबल (Non Edible) दोनों प्रकार के तेल से बनाया जाता है. यह पहली बार है कि बार-बार इस्तेमाल होने के बाद बचे और जले हुए खाद्य वानस्पतिक तेल से इसे बनाया गया है. बचा हुआ रिफाइंड वेजिटेबल ऑयल कहीं भी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंटों, घरों में मिल जाता है, जिसे प्रोसेस करके अब बायोडीजल बनाया गया है. यह अभी देश में इस्तेमाल हो रहे पेट्रोलियम की प्रोसेसिंग से निकले डीजल से काफी अलग, सस्ता, प्रदूषण रहित और बेहतर है.
कहां होता है बायोडीजल का इस्तेमाल
डॉ. नीरज बताते हैं कि नई बायोडीजल पॉलिसी में भारत सरकार ने 2030 तक डीजल में 5 प्रतिशत बायोडीजल मिलाने की अनुमति दी है लेकिन कुछ राज्यों में जैसे छत्तीसगढ़ आदि में जहां बायोडीजल पर्याप्त मात्रा में बन रहा है वहां 15 से 20 फीसदी तक बायोडीजल की ब्लैंडिग की जा रही है. वहीं भारत में मौजूद मशीनरी अभी 20 फीसदी ब्लैंडिंग को ही आसानी से झेल सकता है. इसके अलावा बायोडीजल का इस्तेमाल जेनरेटर, खेती में इस्तेमाल होने वाली मशीनों, ट्रैक्टर आदि उपकरणों में जहां अभी डीजल का इस्तेमाल होता है, उनमें किया जा सकता है.
बायोडीजल से कब चलेंगी कारें
2024 के बाद देश बनने वाली कारें 100 फीसदी बायोफ्यूल या बायोडीजल पर चल सकेंगी. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बायोफ्यूल पर वाहन निकालने जा रही है.
ब्राजील में 100 फीसदी बायोडीजल से गाड़ियां चल रही हैं लेकिन भारत में अभी तक मौजूद डीजल कार या वाहनों में 20 फीसदी तक बायोडीजल को डीजल में ब्लैंडिंग करके इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि 2024 के बाद आने वाली सभी कारों या डीजल के वाहनों में 100 फीसदी बायोडीजल का इस्तेमाल हो सकेगा. इस संबंध में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सिफारिशें भेजी जा चुकी हैं. भारत की ऑटोमोबाइल कंपनियां भी 2024 के बाद पूरी तरह बायोडीजल से चलने वाली कारें बाजार में लाने जा रही हैं.
भारत में कितना पैदा हो रहा बायोडीजल, डीजल की कितनी मांग
अभी भारत में बायोडीजल के 14-15 प्लांट चल रहे हैं. इस्तेमाल के बाद बचे हुए कुकिंग ऑयल से 1.2 मिलियन टन सालाना बायोडीजल पैदा हो रहा है. इसके अलावा 1 मिलयन टन बाकी सीड ऑयल से बनाया जा रहा है. इस लिहाज से पूरे भारत में अभी करीब ढाई मिलियन टन का उत्पादन सालाना हो रहा है. चूंकि सरकार ने पांच फीसदी ब्लैंडिंग की अनुमति दी है तो अभी पांच से छह मिलियन टन सालाना का उत्पादन होना जरूरी है. वहीं डीजल की बात करें तो भारत में पेट्रोल से भी ज्यादा डीजल की खपत होती है. यहां सालाना करीब 100-110 मिलियन टन डीजल की खपत होती है. ऐसे में सिर्फ पांच फीसदी ब्लैंडिंग के लिए ही अभी बायोडीजल का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है.
भारत में कितना पैदा हो रहा बायोडीजल, डीजल की कितनी मांग
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link