उत्तराखंड

Omicron Variant: ओमिक्रॉन एंटीबॉडी से बच सकता है, लेकिन वैक्सीन की बूस्टर डोज भी है जरूरी

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ब्रिस्टल. कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन (Omicron Variant) स्वरूप तेजी से फैल रहा है. ऐसे में, लोग जानना चाहते हैं कि क्या टीकाकरण या पूर्व में संक्रमित होने से बनी प्रतिरक्षा उन्हें संक्रमित होने या गंभीर बीमारी से बचाने के लिए पर्याप्त होगी. यदि पूर्व में बनी प्रतिरक्षा पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करती है तो ओमिक्रॉन के प्रसार को धीमा करने के लिए टीकाकरण और बूस्टर खुराक के साथ एहतियाती उपाय स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर दबाव को रोक सकते हैं. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो सामाजिक पाबंदियों को लगाना होगा क्योंकि ओमिक्रॉन लगभग पूरी दुनिया में फैल चुका है और आशंका है कि यह वायरस के डेल्टा स्वरूप की जगह ले सकता है.

प्रारंभिक अध्ययन में संकेत हैं कि मौजूदा प्रतिरक्षा ओमिक्रॉन पर कम असरदार है. ये अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं और स्वतंत्र रूप से अन्य वैज्ञानिकों द्वारा औपचारिक रूप से इसकी समीक्षा होने वाली है. हालांकि, अनुसंधान में यह भी बताया गया है कि तीसरी बूस्टर खुराक देने से सुरक्षा मिल सकती है. इसलिए, बुरी खबर उतनी बुरी नहीं है जितनी हो सकती है, लेकिन अच्छी खबर को भी सावधानी से संभालने की जरूरत है.

एंटीबॉडी से ज्यादा प्रतिरक्षा जरूरी
शुरुआती रिपोर्ट में सबसे तेजी से सुलभ डेटा पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो कि लोगों के खून में एंटीबॉडी की मात्रा है जो वायरस के नए स्वरूप को निष्क्रिय करने में सक्षम हैं. कुल मिलाकर, डेटा लगातार संकेत देता है कि ओमिक्रॉन कुछ हद तक एंटीबॉडी से बच सकता है. डेल्टा स्वरूप के मुकाबले कहीं कहीं यह 10 से 20 गुना या 40 गुना तक अधिक है. इस तरह जिन लोगों ने टीके की दो खुराक ली थी और पूर्व में संक्रमित भी हुए थे, उनमें ओमिक्रॉनको बेअसर करने का स्तर अधिक था.

यह चिंताजनक प्रतीत हो सकता है. लेकिन यह पूरी कहानी नहीं है. वायरस के पूर्व के स्वरूपों पर हुए पिछले अध्ययनों में देखें तो एंटीबॉडी को निष्प्रभावी करने के स्तर का सुरक्षा के स्तरों से संबंध है. एंटीबॉडी को बेअसर करने का कम स्तर होने से जरूरी नहीं है कि लोग संक्रमित ही होंगे. पूर्व के अध्ययन से पता चलता है कि एंटीबॉडी के कम स्तर के बावजूद लोगों का बचाव होता है खासकर गंभीर बीमारी से और डेल्टा स्वरूप से भी. हो सकता है कि यह ओमिक्रॉनके मामले में भी काम करे.

बूस्टर खुराक अच्छी खबर?
हालिया अध्ययनों में से दो में यह भी सुझाया गया है कि कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक व्यापक रूप से फैले डेल्टा स्वरूप के खिलाफ एंटीबॉडी को बेअसर करने के स्तर को बढ़ाती है और संभवत: यह ओमिक्रॉन स्वरूप को भी बेअसर करेगा. इनमें से एक (टीका निर्माता फाइजर की एक प्रेस विज्ञप्ति) से पता चलता है कि एक बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के बेअसर होने में काफी असरदार हो सकता है.

तो क्या इन लोगों के अभी भी संक्रमित होने या गंभीर बीमारी से सुरक्षित रहने की संभावना है? य़ह कहना कठिन है. हम नहीं जानते कि प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) के अन्य तंत्र किस हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं. हालांकि, हम जानते हैं कि ये अन्य प्रतिरक्षा तंत्र एंटीबॉडी को निष्प्रभावी करने के लिए कोरोना वायरस के विभिन्न हिस्सों को निशाना बनाते हैं. वायरस का वह हिस्सा जो एंटीबॉडी (Antibodies) को निशाना बनाता है वह स्पाइक प्रोटीन होता है लेकिन ओमिक्रॉन में यह काफी परिवर्तित रूप में होता है.

ओमिक्रॉन के कारण होने वाले संक्रमण और बीमारी के स्तर को लेकर अभी और अध्ययन की आवश्यकता है ताकि तेजी से तर्कसंगत तरीके से लोक स्वास्थ्य के संबंध में निर्णय लिए जा सकें. दुनिया भर के अनुसंधान समूह इन सभी क्षेत्रों में शोध कर रहे हैं और निकट भविष्य में कुछ और रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद कर सकते हैं.

Tags: Coronavirus, Coronavirus Case, Coronavirus Crisis, Coronavirus Epidemic, Omicron, Omicron Alert, Omicron variant



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