उत्तराखंड

कभी जान लेने के लिए उठाई थी बंदूक, अब जान बचाने के लिए, 15 अगस्त पर दिखाएंगे जलवा

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राजनांदगांव. कभी लाल गलियारे के इन लोगों का खौफ था. आम लोग इनकी आहट से ही घबरा जाते थे. न इनको सेना का डर था न ही पुलिस का. लेकिन अब अपने अतीत को छोड़ मुख्यधारा में लौटे 44 नक्सली न सिर्फ उन खौफनाक कामों को छोड़ चुके हैं बल्कि वे अब लोगों की रक्षा करने का भी संकल्प ले रहे हैं. साथ ही देश की आजादी के श्न में भी वे शामिल होंगे और देश के राष्ट्रध्वज को सलामी देंगे.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के 44 आत्मसमर्पित नक्‍सली इन दिनों राजनांदगांव के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में प्रशिक्षण ले रहे हैं और खास बात ये है कि सभी स्वतंत्रता दिवस की परेड में भी शामिल होंगे. सहायक आरक्षक और नक्सल पीड़ित भी इस परेड में इनके साथ होंगे.

जमकर हो रही है रिहर्सल
इन दिनों स्वतंत्रता दिवस की तैयारी जोरों पर चल रही है. इसी के चलते शहर में आयोजित होने वाली स्वतंत्रता दिवस की परेड को लेकर हर दिन रिहर्सल की जा रही है. पीटीएस में आरक्षक बनने का प्रशिक्षण लेने आए ये 44 आत्मसमर्पित नक्सली भी लगातार पसीना बहा रहे हैं और जमकर परेड कर रहे हैं. इस दौरान न सिर्फ ये लोगपरेड में शामिल होकर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देंगे, बल्कि अपने देश पर प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों का भी नमन करेंगे.

वहीं नक्सल ऑपरेशन के एडिशनल एसपी जेपी बढ़ाई ने कहा कि हमें खुशी है कि ये लोग नक्सलवाद को छोड़ कर मुख्यधारा में लौटे हैं. बड़ी बात ये है कि सभी अब समाज की रक्षा और लोगों की भलाई करने के लिए संकल्पबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि सभी स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों को लेकर विशेष उत्साह है और हर दिन होने वाली परेड की रिहर्सल में भी ये बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. ऐसा करने के साथ ही इन्होंने अपने जैसे अन्य लोगों को भी एक नई राह और मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया है. अब इन लोगों को न तो किसी का डर है और न ही समाज को इनसे कोई डर है.

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