पिथौरागढ़: भारी बारिश ने बिगाड़े हालात, चीन -नेपाल से सटे इन इलाकों में बढ़ी मुश्किल
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पिथौरागढ़. इस साल आसमानी आफत का चौतरफा असर सीमावर्ती जिलों में देखने को मिल रहा है. हालात ये है कि दर्जनों सड़कें बंद होने से जहां कई इलाके शेष दुनिया से पूरी तरह कटे हैं, वहीं इन इलाकों के कटने से व्यापार पर भी खासा प्रभाव पड़ रहा है. वैक्सीनेशन का काम भी खासा प्रभावित हो रहा है. पहाड़ पर बरसात किस कदर भयावह है इसे शब्दों में बयां करना आसान नहीं है,
पिथौरागढ़ में इस साल बरसात ने कई मुश्किलें एक साथ पैदा कर दीं हैं. लगातार हो रही भारी बारिश के कारण चीन और नेपाल से सटे जिले में दो दर्जन से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी हैं. सड़कों के बंद होने से ग्रामीण तो अपने इलाकों में कैद हैं ही, साथ ही व्यापार भी पर इसका खासा असर पड़ रहा है. हालात ये हैं कि लॉकडाउन के बाद बंद सड़कों ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. मुख्य बाजारों में अक्सर सन्नाटा नजर आ रहा है. असल में यहां का मार्केंट पूरी तरह ग्रामीणों इलाकों पर निर्भर है. व्यापार संघ के जिलाध्यक्ष पवन जोशी का कहना है कि पहले लॉकडाउन और उसके बाद बंद सड़कों ने व्यापारियों की हालात पतली कर दी है. बाजारों में सन्नाटा है, पहले की तुलना में व्यापार आधा रह गया है.
वैक्सीनेशन पर भी पड़ रहा है असर
अधिकांश सड़कों के बंद होने से कारोबार के साथ ही वैक्सीनेशन पर भी असर पड़ रहा है, जिस कारण दूर-दराज के इलाकों तक समय पर न तो हेल्थ वर्कर पहुंच पा रहे हैं, न ही उन्हें वैक्सीन मिल पा रही है. दारमा और ब्यास घाटी को जोड़ने वाली बॉर्डर की अहम सड़कें महीने भर से बंद हैं, जिस कारण इन इलाकों में जरूरी चीजों का भी संकट खड़ा हो गया है. आलम ये है कि प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी हालात सामान्य नहीं कर पा रहा है. एडीएम फिंचाराम चौहान का कहना है कि बंद सड़कों को खोलने के पूरी इंतजाम किए गए हैं, लेकिन कई सड़कों में भारी लैंडस्लाइड हुआ है, जिस कारण दिक्कतें पेश आ रही हैं.
सीएमओ हरीश पंत का कहना है कि बंद सड़कों के दोनों ओर हेल्थ डिपार्टमेंट ने अपनी गाड़ियां तैनात कीं हैं, जिससे वैक्सीन पहुंचाने का काम किया जा रहा है. फिर भी सड़कों के बंद होने से परेशानी हो रही है. कहने को तो प्रशासन ने बॉर्डर इलाकों में हेलीकॉप्टर भी तैनात किया है, लेकिन खराब मौसम हवाई सेवा के लिए सबसे बड़ा रोड़ा बन रहा है. बरसाती सीजन खत्म होने में अभी डेढ़ महीना शेष है. ऐसे में तय है कि लोगों की मुश्किलें अभी और बढ़ेंगीं.
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