उत्तराखंड

संरा सुरक्षा परिषद की समुद्री सुरक्षा पर खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करेंगे PM मोदी

[ad_1]

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की समुद्री सुरक्षा पर एक खुली परिचर्चा की डिजिटल माध्यम से अध्यक्षता करेंगे. इस परिचर्चा का विषय ‘‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता” है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस बैठक में यूएनएससी के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली एवं प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के उच्च स्तरीय विशेषज्ञों के भाग लेने की उम्मीद है.

इस परिचर्चा में समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने तथा समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा. पीएमओ ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे.’’

पीएमओ ने बताया कि यूएनएससी ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है और कई प्रस्ताव पारित किए हैं. हालांकि, यह पहली बार होगा जब उच्च स्तरीय खुली बहस में एक विशेष एजेंडा के रूप में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की जाएगी.

पीएमओ ने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि कोई भी देश अकेले समुद्री सुरक्षा के विभिन्न आयामों से जुड़ी समस्यायों का समाधान नहीं कर सकता है, इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समग्र रूप से विचार करना महत्वपूर्ण है.’’ एसके मुताबिक समुद्री सुरक्षा का व्यापक दृष्टिकोण, वैध समुद्री गतिविधियों की रक्षा और समर्थन करने में सक्षम होगा, साथ ही इसके माध्यम से समुद्री क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला भी किया जा सकेगा.

ये भी पढ़ेंः- जम्मू-कश्मीर: NIA की टेरर फंडिंग केस में बड़ी कार्रवाई, 56 से ज्यादा ठिकानों पर की छापेमारी

पीएमओ ने कहा कि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही महासागरों ने भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उसने कहा, ‘‘हमारी सभ्यता पर आधारित लोकनीति, समुद्र को साझा शांति और समृद्धि के प्रवर्तक के रूप में देखती है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में ’सागर'(एसएजीएआर-क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण को सामने रखा. यह दृष्टि, महासागरों के सतत उपयोग के लिए सहकारी उपायों पर केंद्रित है और सुरक्षित तथा स्थिर समुद्री क्षेत्र के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है.’’

पीएमओ के मुताबिक 2019 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत प्रशांत समुद्री पहल (आईपीओआई) के माध्यम से इस विचार को और विस्तार दिया गया था. ज्ञात हो कि भारत इस साल अगस्त महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है. एक अगस्त से भारत ने यह जिम्मेदारी संभाल भी ली है. यूएनएससी में केवल पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस है. वर्तमान में भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *