Delhi-NCR के इस स्टेशन का नाम बदलने की हो रही तैयारी, जानिए क्या है इसकी खासियत
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नोएडा. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के ग्रेटर नोएडा में बने बोड़ाकी रेलवे स्टेशन (Bodaki Railway Station) का नाम बदलने की तैयारी चल रही है. जल्द ही बोड़ाकी का नाम बदलकर ग्रेटर नोएडा किया जा सकता है. ऐसी चर्चा है कि अथॉरिटी की ओर से नाम बदलने का एक प्रस्ताव भारतीय रेल मंत्रालय (Indian Railway) को भेजा गया है. यूपी और केन्द्र सरकार मिलकर बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को इंटरनेशनल लेवल की सुविधाओं वाला बनाने जा रहे हैं. साथ ही मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है. 7 गांवों की जमीन का अधिग्रहण कर योजनाओं पर अमल किया जा रहा है. जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) बनने के साथ ही बोड़ाकी स्टेशन का विकास सोने पर सुहागा होगा.
500 मीटर के एरिया में चलेगा स्काई वॉक ट्रैवलर
ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में एक पुराना रेलवे स्टेशन हैं. लेकिन अब यहां मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब तैयार करने की योजना पर काम हो रहा है. इसके लिए 7 गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन अधिग्रिहित की जा रही है. जानकारों की मानें तो 80 फीसद जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. योजना के तहत यहां रेलवे स्टेशन, मेट्रो ट्रेन और बस अड्डा भी तैयार किया जा रहा है. तीनों ही जगह आने-जाने में यात्रियों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. भारी-भरकम सामान लेकर ट्रेन और बस के लिए दौड़ न लगानी पड़े, इसके लिए स्काई वॉक ट्रैवलर बनाने की योजना पर भी काम शुरु हो गया है.
जानकारों की मानें तो स्काई वॉक ट्रैवलर रेलवे स्टेशन, मेट्रो ट्रेन और बस अड्डे को जोड़ते हुए 500 मीटर के एरिया में तैयार किया जाएगा. इसमे करना यह होगा कि यात्री अपना सामान लेकर ट्रैवलर पर खड़े हो जाएंगे और ऑटोमेटिक तरीके से वो चलने लगेगा.
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ऐसे तैयार हो रहे हैं लॉजिस्टिक और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो अब तक केन्द्र सरकार की ओर से लॉजिस्टिक और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए के लिए 850 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. 500 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त अभी हाल ही में मिली है. यह दोनों हब बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के पास बनेंगे. यह स्टेशन ग्रेटर नोएडा में है. सामान की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए यार्ड बनेंगे. बोड़ाकी में 16 रेल लाइन बिछाई जाएंगी.
इन सभी रेल लाइन को दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल लाइन से जोड़ा जाएगा. कोल्ड चेन और पैकेजिंग का काम करने के लिए भी प्लटेफार्म तैयार किए जाएंगे. वेयर हाउस हब के लिए भी जगह छोड़ी जा रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग 800 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई जाएगी. केन्द्र सरकार, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की हिस्सेदारी के साथ ही प्रोजेक्ट में शामिल होने वाली दो कंपनियां भी अपना हिस्सा लगाएंगी.
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