उत्तराखंड

Punjab Election 2022: पहली बार होगा बहुकोणीय मुकाबला, कई दलों में बंटेंगे शिअद और कांग्रेस के वोट

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चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly elections) में पहली बार बहुकोणीय (multi-cornered contest) मुकाबला होगा, जिसके चलते दो पारंपरिक दलों- कांग्रेस (Congress) और शिरोमणि अकाली दल (SAD)  का वोट शेयर कई राजनीतिक दलों में बंटने की संभावना है. 2017 के चुनाव से पहले पंजाब में बड़े पैमाने पर कांग्रेस और शिअद-भाजपा गठबंधन (SAD-BJP alliance) के बीच दो तरफा मुकाबला होता था, लेकिन 2017 के चुनाव में आम आदमी (AAP) की एंट्री के बाद यह रिवायत टूट चूकी है. इस बार किसान आंदोलन (farmers agitation) के बाद शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन भी टूट चूका और वह बसपा (BSP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.

किन पार्टियों के बीच होगा मुकाबला
इस बार मुकाबला कांग्रेस, शिअद-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन, आम आदमी पार्टी (आप), संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) और शिअद से अलग होने के बाद भाजपा के हाल ही में पीएलसी और शिअद (एस) के साथ गठबंधन के बीच होगा. भाजपा ने शिअद से अलग होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) और सुखदेव सिंह ढींडसा की शिअद (संयुक्त) ने भाजपा के साथ गठबंधन किया है.  इसके अलावा छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को भी राज्य की कुल 117 विधानसभा सीटों पर जीत की उम्मीद होगी.

क्या कहते हैं  2012 और 2017 के चुनावों के आंकड़े
2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में हारे हुए शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व वाले गठबंधन को कांग्रेस से ज्यादा वोट शेयर मिला था.  2012 में शिअद-भाजपा गठबंधन ने कुल वोटों का 41.91 फीसदी हासिल किया, जिसमें शिअद को 34.73 फीसदी वोट और बीजे को 18 फीसदी वोट मिले थे. उस साल कांग्रेस को 40.09 फीसदी वोट शेयर मिला था.

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2017 के चुनावों में कांग्रेस के वोटों का हिस्सा गिरकर 38.5 फीसदी रह गया था, हालांकि उसने चुनाव जीत लिया था. वहीं शिअद-भाजपा गठबंधन को 30.64 फीसदी वोट मिले, जिसमें शिअद का वोट शेयर 25.24 फीसदी और बीजेपी का वोट शेयर 5.4 फीसदी था. अपने वोट शेयर में गिरावट के बावजूद कांग्रेस जीत गई, क्योंकि आम आदमी पार्टी को 23.72% वोट मिले थे. 2017 में पंजाब में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आप सिर्फ 20 सीटें जीत सकी थी.

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस और शिअद दोनों की कीमत पर आप को सबसे ज्यादा फायदा होने की संभावना है। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक बयान में पंजाब विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर आशुतोष कुमार ने कहा है कि आप ने अपने पहले विधानसभा चुनाव में शिअद के वोट शेयर को प्रभावित किया था. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में यह दोनों पारंपरिक पार्टियों के वोट शेयर के अनुपात का उपभोग कर सकता है.

प्रोफेसर कुमार ने कहा कि आप को निश्चित रूप से फायदा होगा. हालांकि यह देखना होगा कि वोट शेयर में वृद्धि से उन्हें और सीटें जीतने में मदद मिलेगी या नहीं. किसानों और कृषि समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक राजनीतिक संगठन संयुक्त समाज मोर्चा भी मैदान में कूद गया है. कृषि आंदोलन की सफलता पर सवार होकर यदि संगठन अकेला जाता है, तो इसका सबसे अधिक प्रभाव आप पर पड़ेगा. हालांकि अगर यह आप के साथ हाथ मिलाती है, तो यह संयोजन शिअद और कांग्रेस दोनों के लिए एक बड़ा झटका होगा.

भाजपा को वोट शेयर बढ़ने की उम्मीद
जैसे-जैसे भाजपा अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी उसका वोट प्रतिशत भी बढ़ने की उम्मीद है. भाजपा द्वारा अर्जित किया गया कोई भी लाभ कांग्रेस के लिए नुकसान होगा क्योंकि दोनों पार्टियां हिंदू वोटों के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं. राज्य की आबादी का 38.5 फीसदी हिंदू है. धर्म आधारित जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की आबादी में सिखों की संख्या 57.69 फीसदी है, इसके बाद मुस्लिमों की संख्या 1.93 फीसदी, ईसाई की 1.3 फीसदी, बौद्धों की 1.2 फीसदी, जैन की 0.16 फीसदी और अन्य/गैर-धर्म की 0.31 आबादी फीसदी है.

Tags: Punjab Congress, Punjab Election 2022, Punjab elections

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