उत्तराखंड

Rashtriya Bal Puraskar: जानें क्या होते हैं राष्ट्रीय बाल पुरस्कार और ये क्यों दिए जाते हैं?

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर से चुने गए 29 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिए हैं. आइए बताते हैं इन पुरस्कारों में क्या-क्या मिलता है, कौन आवेदन कर सकता है, चयन कैसे होता है.

देशभर से 29 बच्चों को इस साल के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Rashtriya Bal Puraskar) के लिए चुना गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वर्चुअल समारोह में इन बच्चों को सम्मानित किया. पुरस्कार पाने वालों में 15 लड़के और 14 लड़कियां हैं. ये 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ताल्लुक रखते हैं. समारोह में पिछले साल बाल पुरस्कार पाने वाले 32 बच्चों को भी सर्टिफिकेट दिए गए. कोविड की वजह से तब इन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिए जा सके थे.

प्रधानमंत्री ने सभी बच्चों को डिजिटल सर्टिफिकेट प्रदान किए. बच्चों से बातचीत करके उनका हौसला भी बढ़ाया. आइए आपको बताते हैं कि राष्ट्रीय बाल पुरस्कार आखिर होते क्या हैं, क्यों दिए जाते हैं, किस-किस कैटिगरी में प्रदान किए जाते हैं और पुरस्कार में क्या-क्या मिलता है?

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
हर साल बच्चों को असाधारण और उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से सम्मानित किया जाता है. बच्चों को वीरता पुरस्कार देने का सिलसिला 1957 में शुरू हुआ था. इसकी कहानी भी रोचक है. 2 अक्टूबर 1957 को गांधी जयंती के दिन आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू दिल्ली के रामलीला मैदान में समारोह से पहले आतिशबाजी देख रहे थे. उसी दौरान शॉर्ट सर्किट से शामियाने में आग लग गई. तब 14 साल के हरीशचंद्र मेहरा ने चाकू की मदद से शामियाने को फाड़कर जगह बनाई और सैकड़ों लोगों की जान बचाई. इससे प्रभावित होकर नेहरू ने अधिकारियों से ऐसी संस्था की स्थापना करने को कहा जो देश के बहादुर बच्चों को पुरस्कृत करे. बाद के बरसों में बच्चों के लिए कई पुरस्कारों की शुरूआत की गई. इसके नियमों में कुछ बदलाव किए गए. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरूआत महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2018 में की गई. असाधारण उपलब्धियों के साथ अब असाधारण योग्यताओं वाले और उत्कृष्ट उपलब्धियों वाले बच्चों को भी पुरस्कार दिए जाते हैं.

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इन श्रेणियों में दिए जाते हैं पुरस्कार
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 6 कैटिगरी में असाधारण और उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए प्रदान किए जाते हैं. ये हैं-

-इनोवेशन
-सोशल सर्विस
-शैक्षिक
-खेल
-कला व संस्कृति
-बहादुरी

महिला व बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, पुरस्कार पाने वाले बच्चों की उम्र 31 अगस्त को 5 साल से अधिक और 18 साल से कम होनी चाहिए. शैक्षिक योग्यता की कोई पाबंदी नहीं है. लेकिन एक से अधिक कैटिगरी में आवेदन नहीं किया जा सकता. एक बार पुरस्कार मिलने के बाद बच्चे का फिर नॉमिनेशन नहीं हो सकता.

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पुरस्कार में क्या-क्या मिलता है?
-एक पदक
-एक लाख रुपये
-10 हजार रुपये कीमत के बुक वाउचर
-प्रशस्ति व प्रमाण पत्र

इसके अलावा इन बच्चों को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका भी मिलता है. गणतंत्र दिवस से पहले समारोह आयोजित करके बच्चों को ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं. लेकिन इस बार कोविड की वजह से वर्चुअली सर्टिफिकेट दिए गए हैं. समारोह में शामिल होने के लिए सरकार की ओर से इन बच्चों के आने-जाने, रहने, खाने की व्यवस्था की जाती है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एयर इंडिया के इकॉनमी क्लास के हवाई खर्च की भरपाई भी करता है.

आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
बाल पुरस्कारों के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की बेवसाइट nca-wcd.nic.in पर आवेदन करना होता है. ये आवेदन खुद बच्चा भी कर सकता है, या कोई दूसरा व्यक्ति भी असाधारण उपलब्धि वाले किसी बच्चे को नॉमिनेट कर सकता है. शर्त ये है बच्चा भारत का निवासी होना चाहिए. बेवसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बाद संबंधित फॉर्म में आवश्यक जानकारियां देनी होती हैं.

वैसे तो साइट पर आवेदन किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन 31 अगस्त तक मिलने वाले आवेदनों को ही आगामी जनवरी में दिए जाने वाले पुरस्कारों के लिए स्वीकार किया जाता है. 31 अगस्त के बाद मिले आवेदनों पर अगले साल के लिए विचार होता है.

चयन कैसे होता है?
बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक, इन पुरस्कारों का चयन एक समिति करती है. इसके अध्यक्ष महिला एवं बाल विकास मंत्री या राज्य मंत्री होते हैं. समिति में मंत्रालय के सचिव, स्कूली शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, युवा कार्य मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के सचिव या उनके प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इनके अलावा हर क्षेत्र के एक्सपर्ट्स, बाल मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्री, पुलिस व सुरक्षाबलों के प्रतिनिधि भी रहते हैं.

ये समिति प्राप्त आवेदनों पर विचार करती है. बच्चों की बताई गई उपलब्धियों को इलाके के डीएम और अन्य संबंधित एजेंसियों से वेरिफाई कराया जाता है. समिति इनके अलावा अपनी तरफ से भी किसी बच्चे के नाम पर विचार कर सकती है. पूरी तहकीकात के बाद समिति पुरस्कार पाने वाले बच्चों के नाम फाइनल करके 5 दिसंबर तक सिफारिश भेज देती है. गणतंत्र दिवस से ठीक पहले बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं. यहां ये बताना जरूरी है कि झूठे दावे करने पर आवेदक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

Tags: Pm narendra modi



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