उत्तराखंड

Yes Bank के पूर्व प्रमोटर राणा कपूर को राहत, SEBI का बैंक, डीमैट खातों और MF से रोक हटाने का आदेश

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नयी दिल्ली . भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने यस बैंक (Yes Bank) के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर (Rana Kapoor) के बैंक खातों के साथ शेयर और म्यूचुअल फंड पर लगी ‘रोक’ हटाने का निर्देश दिया है. कपूर फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें यस बैंक धोखाधड़ी मामले में मार्च, 2020 में गिरफ्तार किया गया था. नियामक ने मार्च में एक करोड़ रुपये की वसूली के लिए कपूर के बैंक खातों, शेयर और म्यूचुअल फंड फोलियो को कुर्क कर दिया था. कपूर जुर्माना राशि का भुगतान करने में विफल रहे थे जिसके बाद यह कदम उठाया गया था.

सेबी (SEBI) ने सितंबर, 2020 में मॉर्गन क्रेडिट के लेनदेन पर खुलासा नहीं करने को लेकर कपूर पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. मॉर्गन क्रेडिट यस बैंक की गैरसूचीबद्ध प्रवर्तक इकाई है. उच्चतम न्यायालय ने दो अगस्त को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के उस आदेश पर रोक लगा दी थी कि जिसमें कपूर पर एक करोड़ रुपये के जुर्माने को उचित ठहराया गया था.

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उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि यह स्थगन कपूर द्वारा 50 लाख रुपये के भुगतान पर निर्भर करेगा. कपूर ने उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद यह राशि जमा करा दी है. उसके बाद सेबी ने बुधवार को देश के सभी बैंकों तथा डिपॉजिटरी एनएसडीएल और सीडीएसएल को कपूर के बैंक खातों-लॉकर, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड फोलियो से रोक हटाने को कहा है.

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राणा कपूर को पिछले साल मार्च में ED ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह नवी मुंबई के तलोजा जेल में हैं. ED मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राणा कपूर, उनकी पत्नी और तीन बेटियों की जांच कर रही है. ED के मुताबिक, कपूर जब यस बैंक चला रहे थे तब उन्होंने गलत तरीके से लोन बांटकर 4300 करोड़ रुपए के बेनेफिट्स हासिल किए थे.

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कपूर पर डीएचएफएल को कर्ज देने में गड़बडी करने का है आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि राणा कपूर ने डीएचएफएल (DHFL) और उसकी कंपनियों को लोन (Loan) देने में गड़बड़ी की है. बता दें कि राणा कपूर और अशोक कपूर ने 2004 में निजी क्षेत्र के यस बैंक की स्थापना की थी. बैंक 2020 की शुरुआत में तगड़े घाटे (Losses) में चला गया था. बैंक के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) भी बहुत ज्‍यादा बढ़ गए. हालात इतने खराब हो गए कि 5 मार्च 2020 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक की कमान अपने हाथों में ली थी. यही नहीं केंद्रीय बैंक ने यस बैंक का बोर्ड भी भंग कर दिया था. साथ ही यस बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए.

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