Russia-Ukraine War: यूक्रेन संकट हो या कोरोना महामारी, जब संकटमोचक बन भारतीयों को बचाकर लाया एयर इंडिया
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नई दिल्ली. रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीय नागरिकों की निकालने की कोशिशें जारी हैं. यहां भी भारतीय हवाई सेवा एयर इंडिया संकटमोचक बनकर सामने आई है. खबर है कि शनिवार को एयर इंडिया रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए 3 उड़ाने संचालित करेगा. आंकड़े बताते हैं कि यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय फंसे हुए हैं. इनमें मुख्य रूप से छात्र शामिल हैं. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब एयर इंडिया ने मुश्किल हालात में देशवासियों की सेवा की है.
कई दशकों से विदेशों में तनाव की स्थिति में भारतीय नागरिकों को निकालने में एयर इंडिया की भूमिका काफी अहम रही है. इतना ही नहीं विमान सेवा को सिविल एयरलाइनर के जरिए लोगों की सबसे बड़ी निकासी को अंजाम देने का गौरव प्राप्त है. इस बात का जिक्र गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी किया गया है. साल 1990 में इराक की तरफ से किए गए हमले के बाद एयर इंडिया ने 1 लाख से ज्यादा लोगों को कुवैत से निकाला था.
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यूक्रेन में फंसे भारतीयों का पहला जत्था रोमानिया पहुंचा
यूक्रेन से भारतीय नागरिकों का पहला जत्था सुचावा सीमा चौकी पार करने के बाद शुक्रवार दोपहर रोमानिया पहुंचा. यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी. अधिकारियों ने कहा कि और भारतीय नागरिकों के छोटे समूहों में सीमा पार करके रोमानिया पहुंचने की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘यूक्रेन से सुचावा सीमा पार बिंदु पार करके भारतीयों का पहला जत्था रोमानिया पहुंच गया है. सुचावा पर हमारा दल अब उन्हें बुखारेस्ट जाने में मदद करेगा जहां से उन्हें भारत लाया जाएगा.’
बागची ने एक ट्वीट में सीमा पार करते भारतीयों की तस्वीर भी साझा की. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा की भारतीयों को रोमानिया के बुखारेस्ट से वापस लाने के लिए एयर इंडिया दो उड़ानें संचालित करेगी. अगले कुछ दिनों में और उड़ानें संचालित की जा सकती हैं. एयर इंडिया की उक्त दो उड़ानें शनिवार को बुखारेस्ट से रवाना होंगी. रूसी हमले के बाद यूक्रेन की सरकार ने देश के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है इसलिए भारत अपने नागरिकों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया से लगती यूक्रेन की सीमाओं के जरिये निकालने का प्रयास कर रहा है.
एक बार इतिहास पर नजर डालते हैं-
मई 1994- संघर्ष से जूझ रहे यमन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए मुंबई से यमन की राजधानी सना तक विशेष उड़ानों का संचालन किया गया था.
सितंबर 1996- जिन लोगों के पास संयुक्त अरब अमीरात से वैध परमिट नहीं था, उन्हें निकालने के लिए ‘ऑपरेशन एम्नेस्टी एयरलिफ्ट’ शुरू किया गया था.
अक्टूबर 1997- एयर इंडिया ने ही माफी की सीमा समाप्त होने से पहले सऊदी अरब में फंसे हुए भारतीयों को निकाला था.
जुलाई 2006- साइप्रस के लारनाका के जरिए लेबनान से भारतीयों को वापस लाया गया.
मार्च 2011- मिस्र में हुए सियासी तनाव के बाद काहिरा में विशेष उड़ानों के जरिए 11 हजार 345 भारतीयों को निकाला गया.
अगस्त 2014- लीबिया और माल्टा से फंसे हुए भारतीयों को निकालने के लिए ट्यूनिशिया के जेर्बा तक उड़ानों का संचालन किया गया. उस दौरान 1200 से ज्यादा भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया था.
अप्रैल 2015- यमन की राजधानी सना से भारतीयों और अन्य देश के लोगों को निकालने के लिए उड़ाने संचालित की गई थी.
जनवरी और फरवरी 2020- कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन के वुहान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए उड़ानें संचालित की गईं.
मई 2020- 7 मई से ही एयरलाइन वंदे भारत मिशन पर है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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