उत्तराखंड

Russia-Ukraine war: क्या सच में यूक्रेन पर परमाणु हमला करेंगे पुतिन? जानें आखिर क्या है उनके मन में

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नई दिल्ली. यूक्रेन पर रूसी हमले का आज पांचवां दिन है. शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि दो से तीन दिनों के अंदर पुतिन इस युद्ध को खत्म कर देंगे और यूक्रेन को घुटने टेकने पर मजबूर कर देंगे लेकिन पांच दिन बाद भी ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है. इससे बोखलाए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने सैनिकों को न्यूक्लियर हथियार को अलर्ट पर रहने का आदेश दे दिया है. इससे विश्व के नेताओं को चिंता है कि क्या पुतिन परमाणु बम से यूक्रेन पर हमला करेंगे. यदि ऐसा हुआ तो विश्व इतिहास के लिए यह बेहद अशुभ दिन होगा. पुतिन के इस बयान के विश्लेषक डिकोड करने की कोशिश कर रहे हैं.

विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन के दिमाग को पढ़ना किसी के बस की बात नहीं है. पहले ऐसा लग रहा था कि पुतिन यूक्रेन पर हमला नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने किया. इससे पहले भी लग रहा था कि क्रिमिया का अधिग्रहण नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने किया. कम से कम इतना तो जरूर लग रहा था कि यूक्रेन पर फुल स्केल में हमला नहीं होगा लेकिन वह भी हो गया. तो अब पुतिन क्या वाकई परमाणु हमला करेंगे.

पुतिन के बयान पर गौर करने की जरूरत
अगर हमला शुरू होने से ठीक पहले पुतिन के बयान पर गौर करें तो पुतिन ने कहा था कि वह यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान चलाएंगे. लेकिन वास्तविकता में यह सीधा हमला है. पुतिन ने कहा था कि अगर कोई भी हमारे मामले में बाहरी हस्तक्षेप करता है तो उसका वह हाल होगा जो इतिहास में अब तक कभी नहीं हुआ होगा. नोबेल विजेता और नोवाया गजट अखबार के एडिटर दिमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) कहते हैं, पुतिन का यह बयान विश्व नेताओं को सीधे परमाणु युद्ध की धमकी थी. दिमित्री ने कहा, इस टीवी इंटरव्यू पुतिन सिर्फ रूस का ही मालिक नहीं दिख रहे थे बल्कि ऐसा लग रहा था कि वे पूरी धरती के शहंशाह हैं. यह ऐसा ही है जैसे कार का कोई मालिक उसकी चाबी को ऊंगलियों में अपनी मर्जी के हिसाब से जैसा चाहता है, वैसा घुमाता है.

रूस के बिना विश्व की जरूरत नहीं …
दिमित्री मुरातोव ने कहा, पुतिन कई बार कह चुके हैं कि अगर रूस नहीं है तो फिर इस धरती की जरूरत क्या है. हालांकि इस बयान पर लोगों का ध्यान उस समय नहीं गया लेकिन पुतिन के इस बयान से अब यह साफ हो गया है कि अगर दुनिया रूस को उस रूप में नहीं लेता जैसा पुतिन चाहते हैं तो फिर इस दुनिया में हर कुछ बर्बाद हो जाएगा. 2018 के एक डॉक्यूमेंट्री में पुतिन ने कहा था कि अगर कोई रूस के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश करता है तो हमारे पास उसका जवाब देने के लिए वैधानिक अधिकार है. निश्चित रूप से यह मानवता और विश्व के लिए तबाही होगी लेकिन मैं रूस का नागरिक हूं और इसका प्रमुख होने के नाते मुझे अपने देश के अस्तित्व को मिटाने वाले को सबक सिखाना ही होगा. हमें रूस के बिना विश्व की जरूरत नहीं है.

उत्तरी सागर में परमाणु बम गिराने का विकल्प

मास्को के रक्षा विश्लेषक पावेल फेलजेनह्यूर (Pavel Felgenhauer) कहते हैं फिलहाल पुतिन के पास चुनौती है. वे मुश्किल में हैं. अगर पश्चिम के देश रूस के सेंट्रल बैंक और रूस के वित्तीय प्रणाली को प्रतिबंधित करते हैं तो पुतिन के सामने ज्यादा विकल्प नहीं होंगे. इससे वित्तीय सिस्टम खराब हो जाएगा. पुतिन के सामने पहला विकल्प यह हो सकता है कि वे यूरोप को गैस की आपूर्ति बंद कर दें. इससे यूरोप पर वार्ता का दबाव बनेगा. दूसरा लेकिन खतरनाक विकल्प यह है कि वे ब्रिटेन और डेनमार्क के बीच उत्तरी सागर में कहीं परमाणु विस्फोट कर दें.

पुतिन को रोकने की कोशिश कौन करेंगां?
चिंता की बात यह है कि अगर व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु विकल्प चुना होता, तो क्या उनके करीबियों में से कोई उन्हें मना करने की कोशिश करता? या उन्हें रोकने की कोशिश करेंगे? यह बहुत बड़ा सवाल है. नोबल विजेता दिमित्री मुरातोव कहते हैं कि रूस के राजनेता कभी भी आम जनता के साथ नहीं होते. वे हमेशा सत्ता पर काबिज प्रमुख की तरफ होते हैं. और पुतिन की ताकत से दुनिया वाकिफ है. पावेल फेलजेनह्यूर (Pavel Felgenhauer) कहते हैं कि कोई भी पुतिन के सामने खड़े नहीं होंगे. हम एक खतरनाक जगह पर रहते हैं. यह युद्ध सिर्फ पुतिन का युद्ध है. अगर पुतिन अपना लक्ष्य हासिल करते हैं तो यूक्रेन की संप्रभुता खतरे में पड़ जाएगी. लेकिन अगर पुतिन की मंशा कामयाब नहीं होती तो और खतरनाक कदम उठाने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ेगा.

Tags: America, Russia, Ukraine

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