उत्तराखंड

SC से ममता बनर्जी को लगा झटका, सुवेन्दु अधकारी के खिलाफ दायर याचिका को कोर्ट ने किया खारिज

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के खिलाफ तीन मामलों में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने के कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील खारिज करने के अदालत की खंडपीठ के निर्णय को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी.

शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय की एकल पीठ के आदेश को पहले ही उसके समक्ष चुनौती दी जा चुकी है और उसने गुण-दोषों को देखते हुए पिछले साल 13 दिसंबर को आदेश सुनाया था.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पक्ष रख रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी से कहा कि जब उच्चतम न्यायालय के समक्ष हर तरह की दलील दी चुकी है तो कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष ‘लेटर पेटेंट अपील’ दाखिल करने का सवाल ही कहां उठता है.

पीठ ने कहा, ‘‘हमने कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के इसी आदेश के खिलाफ पिछले साल छह सितंबर के आदेश पर विस्तार से सुनवाई की थी और मामले का निस्तारण किया था. अब हम इस मुद्दे को बार-बार नहीं देख सकते. माफ कीजिए, हम इस पर विचार नहीं कर सकते.’’

गुरुस्वामी ने कहा कि पिछले साल 13 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने गुण-दोषों के बारे मे कोई राय व्यक्त नहीं की थी. उन्होंने कहा कि ऐसा ही मामला शीर्ष अदालत में लंबित है और इसलिए इस पर नोटिस जारी कर इसे उस मामले के साथ जोड़ सकती है.

पीठ ने कहा कि इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार पहले ही न्यायालय के सामने है और इसलिए वह इस मामले को नहीं जोड़ना चाहेगी.

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने अधिकारी के अंगरक्षक की मृत्यु की जांच के सिलसिले में राज्य पुलिस की सीआईडी द्वारा जारी सम्मन के खिलाफ अधिकारी को पिछले साल छह सितंबर को अंतरिम राहत प्रदान की. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 13 दिसंबर को उच्च न्यायालय के छह सितंबर के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था.

Tags: Mamta Banarjee, Supreme Court, Suvendu Adhikari

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