उत्तराखंड

लड़की के लापता होने के मामले में UP पुलिस को SC की फटकार, दिल्ली पुलिस से जांच रिपोर्ट साझा करने के दिए निर्देश

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नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने 13 साल की एक लड़की के लापता होने के मामले की जांच को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) की खिंचाई की और उसे जांच रिपोर्ट तत्काल दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के साथ साझा करने का निर्देश दिया ताकि नाबालिग का पता लगाया जा सके. न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को यह भी चेतावनी दी कि अगर वह नाबालिग का पता लगाने में नाकाम रहती है तो यह मामला सीबीआई (CBI) को सौंपा जा सकता है. किशोरी आठ जुलाई से ही लापता है. न्यायालय ने इसे ‘बहुत ही संवेदनशील मामला’ करार देते हुए यह भी कहा कि मामले में समय भी समान रूप से महत्वपूर्ण है और हर मिनट कीमती है.

शीर्ष अदालत लड़की की मां द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस और दिल्ली पुलिस को उनकी नाबालिग बेटी का पता लगाने और न्यायालय में पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. न्यायालय ने इस याचिका पर 27 अगस्त को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था. दिल्ली में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली महिला ने अपनी याचिका में दावा किया है कि समझा जाता है कि उनकी बेटी का गोरखपुर से किसी व्यक्ति ने अपहरण कर लिया है. उनके परिवार के सदस्य एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए गोरखपुर गए थे.

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इस मामले में गोरखपुर में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

पुलिस के साथ जानकारी साझा करने के दिए निर्देश
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की तीन सदस्यीय पीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से पेश वकील से कहा, ‘आप (उत्तर प्रदेश पुलिस) पूरी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ साझा करें. हम उन्हें जरूरी कार्रवाई करने को कहेंगे. आप अपनी जांच रिपोर्ट कल तक दिल्ली पुलिस के साथ साझा करें. हम आपको यह निर्देश दे रहे हैं.’

उत्तर प्रदेश की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि पुलिस लड़की का पता लगाने की कोशिश कर रही है और उनके पास ‘कॉल डिटेल रिकॉर्ड’ भी है.

वकील ने पुलिस को और दो सप्ताह का समय दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस मामले में उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी जांच शामिल है और यह भी जानकारी मिली है कि लड़की पश्चिम बंगाल में हो सकती है.

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पीठ ने कहा, ‘‘… यदि आप जांच करने में असमर्थ हैं तो हम इसे सीबीआई को सौंप सकते हैं. घटना जुलाई की है. हम सितंबर में आ गए हैं. यदि आपके पास ब्योरा है, तो आप समय क्यों लेंगे.’’ पीठ ने कहा, “इस मामले में, हर घंटा, हर मिनट कीमती है. आप इस तरह के मामले में वैसी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिसकी ऐसे मामले में उम्मीद की जाती है. यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है.’’

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पीठ ने कहा, ‘‘दो सप्ताह का सवाल कहां है… आपके पास कॉल ब्योरा है, उसके बाद भी आपने कार्रवाई नहीं की है. हम चकित हैं.’

न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को पूरी जांच रिपोर्ट गुरुवार को दिल्ली पुलिस के साथ साझा करने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.
(Disclaimer: यह खबर सीधे सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है. इसे News18Hindi टीम ने संपादित नहीं किया है.)

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