उत्तराखंड

भारत में टीकाकरण की गति में हुई धीमी- 70 फीसदी आबादी को लगा पहला डोज

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नई दिल्ली. भारत में एक बड़ी आबादी को वैक्सीन का पहला इन्जेक्शन लग चुका है. अब उन्हें दूसरे इन्जेक्शन के लगने का इंतजार है. जिस गति के साथ भारत में टीकाकरण हुआ, लगता है दूसरे डोज के लगने के साथ उसमें लगाम लग सकती है. दरअसल भारत में अब दूसरा डोज लगाने वालों की संख्या ज्यादा है और उन्हें दूसरे डोज के लिए तय की गई समय सीमा तक रुकना होगा.

भारत में अब तक 95.8 करोड़ कुल डोज का 88 फीसदी लगाया जा चुका है. और दो डोज के बीच अंतराल 122-16 हफ्ते दिया गया है. जिससे टीकाकरण की गति पर असर पड़ने की आशंका है. कोविड टीकाकरण का उद्देश्य ही ज्यादा से ज्यादा वयस्क आबादी को वैक्सीन लगाना था. टीकाकरण में जो गति दिख रही थी वो भी पहला डोज को लगाने की वजह से ही थी.

अब तक करीब 73 फीसदी योग्य आबादी को वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है. पहले डोज का हफ्ते भर का जो अनुपात रहा है उसकी तुलना में दूसरे डोज का औसत लगातार गिर रहा और ये करीब एक रह गया है. जबकि पहले डोज के बराबर ही दूसरी डोज भी लगाया जा रहा है. दरअसल ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि करीब 70 फीसदी आबादी को पहले ही कवर हो चुकी है. दूसरी तरफ दूसरा डोज लेने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस तरह देखा जाए तो 12-16 हफ्ते बाद फिर से वैक्सीन लगने की गति में इजाफा होगा.

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टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक अगस्त के दौरान पहले डोज का प्रति दिन दिए जाने वाले डोज का हफ्ते भर का औसत 36.6 लाख से 48.4 लाख के बीच था, वहीं इसकी तुलना में दूसरे डोज का औसत 11.9 लाख से 19 लाख के बीच था.

सितंबर में वैक्सीनेशन में हुआ सुधार
सितंबर में जब टीकाकरण की गति में सुधार हुआ, तो प्रति दिन लगने वाले पहले डोज का, पहले तीन हफ्तों का औसत 44.1 लाख से 58.3 लाख था. जबकि दूसरे डोज का औसत 21.6 लाख से 37.2 लाख था. हालांकि 25 सितंबर से 1 अक्टूबर और 2 से 6 अक्टूबर के दरमियान पहले और दूसरे डोज का अनुपात लगभग समान था. 25 सितंबर से 1 अक्टूबर के दौरान प्रति दिन औसतन 38.7 लाख पहले डोज लगे, दूसरा डोज (30.5लाख) इसकी तुलना में थोड़ा ही कम था.

आगे 2 से 6 अक्टूबर के दौरान इस अनुपात में गिरावट देखने को मिली और पहले डोज का औसत प्रतिदिन 25.3 लाख रहा जबकि दूसरा डोज प्रतिदिन 22.3 लाख के औसत से लगाया गया. सरकार का मानना है कि पहला डोज लगने के बाद वैश्विक स्तर पर टीकाकरण की गति में कमी आई है. अधिकारियों का कहना है कि भारत में 70 फीसदी योग्य आबादी को टीका लग चुका है. ऐसे में स्वाभाविक है कि पहला डोज लगवाने वाले नए लोगों की संख्या में कमी आएगी.

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