हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर सख्ती, जीआरपी ने 400 कावड़ियों को बैरंग लौटाया
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हरिद्वार. कावड़ यात्रा रद्द किए जाने का व्यापक प्रचार प्रसार किए जाने के बावजूद कुछ श्रद्धालु कावड़ लेने हरिद्वार पहुंच रहे हैं. ट्रेनों से हरिद्वार पहुंचने वाले कावड़ियों पर प्रशासन पैनी नज़र बनाए हुए है. हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर अब तक 400 से अधिक कांवड़ियों को वापस लौटाया जा चुका है. हरिद्वार और उससे लगे हुए रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन से उतरने वाले सभी यात्रियों की जांच की जा रही है और यात्रियों के भेस में आ रहे कांवड़ियों को पहचानकर उन्हें लौटाया जा रहा है.
युवकों के ग्रुपों पर खास नज़र
स्थानीय लोगों और अस्थि विसर्जन आदि के लिए आए लोगों को स्टेशन परिसर से बाहर जाने की अनुमति है, लेकिन कावड़ियों को नहीं. जीआरपी रेलवे स्टेशनों पर लगातार कार्रवाई में जुटी है. युवकों के ग्रुप पर जीआरपी खास नज़र बनाए है. जीआरपी के एसपी मनोज कात्याल का कहना है कि कावड़िए हरिद्वार की सीमा में दाखिल न हों, इसके लिए ज़िले के सभी बॉर्डर पर पुलिस बल भी तैनात है. लेकिन जो यात्री कावड़ लेने के उद्देश्य से ट्रेन से हरिद्वार पहुंच रहे हैं उन्हें शटल बसों के द्वारा वापस भेजा जा रहा है. हरिद्वार सहित ज्वालापुर, रुड़की, ऋषिकेश, मोतीचूर जैसे रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी नज़र बनाए हुए है.
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हरिद्वार ज़िला प्रशासन अब तक टैंकरों से गंगाजल यूपी और हरियाणा भिजवा चुका है.
टैंकर से भेजा जा रहा गंगाजल
हरिद्वार ज़िला प्रशासन की ओर से दूसरे राज्यों के ज़िलों को गंगाजल भेजा जा रहा है. अब तक हरिद्वार से दिल्ली और हरियाणा के लिए गंगाजल के चार टैंकर रवाना हो चुके हैं. ज़िलाधिकारी सी रविशंकर ने मेला नियंत्रण भवन से यमुनानगर ज़िले के लिए रवाना किए गए गंगाजल के टैंकर को हरी झंडी दिखाई. ज़िलाधिकारी ने कहा कि कावड़ियों का हरिद्वार आना प्रतिबंधित है लेकिन लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मांग के अनुसार गंगाजल भेजा जा रहा है. कुछ धार्मिक और सामाजिक संगठन भी गंगाजल भेजने में सहयोग कर रहे हैं.
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