सख्ती से बौखलाए आतंकी संगठन, कश्मीर में बड़े हमले की फिराक में
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जम्मू. स्वतंत्रता दिवस से महज चंद रोज पहले जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बुधवार को खुलासा किया कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन केंद्र शासित प्रदेश में बड़े हमले की योजना बना रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए सुरक्षा बल चौकस हैं.
सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में आतंकवाद रोधी अभियान जारी है और सुरक्षाबलों की कड़ी नजर से हतोत्साहित पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्थानीय युवकों को प्रलोभन देने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने किश्तवाड़ जिले में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘सूचना है कि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जम्मू क्षेत्र के साथ-साथ कश्मीर क्षेत्र में बड़े हमले को अंजाम देने का मौका तलाश रहे हैं. हमारे सुरक्षा बल सतर्क हैं और पुलिस, खुफिया एजेंसियों व सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर काम कर रही है. मुझे भरोसा है कि हम आतंकवादियों के इन मंसूबों को नाकाम करने में सफल होंगे.’’
मंगलवार को राजौरी का दौरा करने क बाद बुधवार की सुबह किश्तवाड़ पहुंचे डीजीपी ने स्वतत्रंता दिवस से पहले जिले की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जहां पर आतंकवादी अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. दो दिन पहले हिज्बुल मुजाहिदीन में हाल में भर्ती दो आतंकवादियों को जिले के दाचान इलाके से गिरफ्तार करने के सवाल पर सिंह ने कहा, ‘‘यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. पूरे कश्मीर और जम्मू क्षेत्र में अभियान चल रहा है.’’
उन्होंने कहा,‘‘राजौरी के पंगई इलाके में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में दो आतंकवादियों को मार गिराया गया. खबर है कि इलाके में और आतंकवादी मौजूद हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की है.’’डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान और उसके द्वारा प्रायोजित एजेंट जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के कई ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘किश्तवाड़ पुलिस ऐसे तत्वों पर नजर रख रही है और उनमें से कुछ पर हाथ डाला है जो आतंकवादी संगठन में शामिल हुए थे या केवल आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए सक्रिय होते हैं.’’ सिंह ने यह बात दचान इलाके में नए भर्ती दो आतंकवादियों को गिरफ्तार करने के संदर्भ में कही.
किश्तवाड़ जिले में कार्यरत पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘वे उन लोगों पर भी नजर रख रहे हैं जिनकी साठगांठ कश्मीर में कार्यरत तत्वों (आतंकवादियों) से है. उन्होंने आतंकवादी संगठन में शामिल होने और हिंसा को अंजाम देने की अपनी इच्छा व्यक्त की है. मैं आश्वस्त हूं कि पुलिस और सुरक्षा बल उनका ख्याल रखेंगे.’’
डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान और उसके द्वारा प्रायोजित एजेंट उन लोगों की तलाश कर रहे हैं जो आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं और उनके द्वारा जम्मू संभाग के डोडा, किश्तवाड़, राजौरी, पुंछ और रियासी जिले के कुछ हिस्सों में ‘ऐसे लोगों की तलाश’ की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पुलिस और खुफिया एजेंसी उनपर नजर रख रही है और वे जानती है कि उनसे कैसे निपटना है.’’ सिंह ने कहा कि आतंकवादियों के सहायता ढांचा जिनमें अलगाववादी और पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन के साथ काम करने वाले शामिल हैं और इनके साथ वे लोग सक्रिय हैं जो सोशल मीडिया का दुरुपयोग युवाओं को आतंकवाद के लिए प्रलोभन देने के लिए कर रहे हैं लेकिन हम इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जो युवाओं को भ्रमित और गलत रास्ता दिखा रहे हैं.
सिंह ने कहा, ‘‘हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करना है कि आतंकवाद के प्रति आकर्षित हो रहे लड़कों भले ही वे आतंकवादी संगठन में शामिल क्यों नहीं हो गए हैं, उन्हें घर लौटने का मौका दिया जाए। हम ऐसे 40 युवाओं को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने के बाद उनके परिवार से मिलाने में सफल हुए हैं.’’ डीजीपी ने दावा किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में अब बेहतर सुरक्षा हालात है. युवाओं को अपनी शिक्षा, बेहतर भविष्य और अपने माता-पिता की मदद करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’’
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