Success Story: पिता देश तो पुत्री महिला किसानों को बना रही आत्मनिर्भर
[ad_1]
पिता पहले किसान थे, अब हैं वैज्ञानिक:
निधि हरीश पंत उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल (Garhwal) के एक छोटे गांव स्यानरी (Syanri) से हैं. उनके पिता हरीश जगत पंत पहले किसानी (Farming) करते थे. इसके बाद वे वैज्ञानिक (Scientist) बने. वर्तमान में निधि के पिता भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर में न्यूक्लियर साइंटिस्ट (Nuclear Scientist) हैं. पिता ने ही निधि को हमेशा कुछ नया करने के लिए सपोर्ट किया.
साल 2000 में महाराष्ट्र से जुड़ा नाता:
निधि के पिता श्री हरीश जगत पंत एक साइंटिस्ट के तौर पर वर्ष 2000 में महाराष्ट्र, (Maharashtra) मुम्बई आ गए. इसके बाद निधि की स्कूलिंग और हायर एजुकेशन मुम्बई से ही हुई. निधि ने केमिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की.
गांव वालों ने की आपत्ति:
चूंकि निधि उत्तराखंड के एक गांव से हैं, इसलिए उन्हें कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. गांव और समाज वाले निधि की उच्च शिक्षा और उनके रहन-सहन को लेकर पिता को टोकने लगे, यहां तक कि कम उम्र में उनकी शादी करने की बात भी हुई. लेकिन पिता ने इन सब बातों को दरकिनार करते हुए निधि का साथ दिया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
फूड प्रोसेसिंग से कर रही महिला किसानों को सशक्त:
निधि बताती हैं कि उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग के बाद साल 2013 में अपने दोस्तों की मदद से ‘साइंस फॉर सोसाइटी’ (S4S) नाम की कंपनी शुरू की. इस कंपनी के तहत उन्होंने महिला किसानों को फ़ूड प्रोसेसिंग (Food Processing) क्षेत्र में बढ़ावा देना शुरू किया. वो महिला किसानों को उनके द्वारा उत्पन्न किए गए सब्जियों को फ़ूड प्रोसेसिंग के जरिए एक्स्ट्रा इनकम (Extra Income) करने में मदद करती हैं.
अभी 3 प्रदेशों में कर रही हैं काम:
निधि S4S के तहत फिलहाल 3 राज्यों में काम कर रही हैं. इनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और ओडिशा राज्य शामिल हैं. वे इन 3 राज्यों में अभी तक 500 से ज्यादा महिला किसानों को फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में सशक्त कर चुकी हैं. इसके अलावा उनके साथ 800 से अधिक सरकारी और प्राइवेट कंपनियां भी जुड़ गई हैं.
सिर्फ 5 सब्जियों पर करती हैं काम:
निधि की कंपनी फिलहाल सिर्फ 5 सब्जियों पर काम करती है. इनमें प्याज, अदरक, लहसुन, टमाटर और मक्का शामिल हैं. वे इस संख्या को हर साल बढ़ाना चाहती हैं.
वर्ष 2025 है बड़ी सफलता का लक्ष्य:
निधि के मुताबिक अभी तक उनका 50 प्रतिशत लक्ष्य ही पूरा हो सका है. उनका लक्ष्य है कि वे वर्ष 2025 तक अपने साथ कम से कम 10 हजार महिला किसानों को जोड़ सकें. फिलहाल वे 3 राज्यों में काम करती हैं, 2025 तक वे कम से कम 10 राज्यों में काम करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही हैं. उनकी कंपनी का वार्षिक टर्नओवर अभी 20 करोड़ है जिसे वर्ष 2025 तक वे एक हजार करोड़ तक ले जाना चाहती हैं.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link