Supertech ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- घर खरीदारों के चेक भेज दिए गए
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नई दिल्ली. रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुपरटेक लिमिटेड (Supertech Limited) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने शनिवार को ही चेक एमिकस क्यूरी को भेज दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते निदेशकों को अवमानना के लिए जेल भेजने की चेतावनी देने के बाद सुपरटेक ने शीर्ष अदालत को बताया कि उसने अवमानना याचिकाकर्ताओं की देय राशि पर काम किया है. कंपनी ने आगे बताया है कि अगर उन्हें घर खरीदारों के बैंक अकाउंट की डीटेल्स मिल जाती हैं तो वह 18 जनवरी को स्वीकृत की गई राशि का आरटीजीएस जारी करेंगे.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. घर खरीदारों की ओर से दायर की गई इन अवमानना याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि एक तरफ सुपरटेक ने उन्हें अपने पैसे लेने के लिए आमंत्रित किया. वहीं दूसरी तरफ जब इसके लिए उन्होंने कंपनी से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि पैसा किश्तों में वापस भुगतान किया जाएगा यहां तक कि उसमें से कुछ कटौती भी की जाएगी जो कि कोर्ट की ओर से नहीं बताया गया था.
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अदालत ने सोमवार को कंपनी को दिया था ये निर्देश
इसके एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुपरटेक लिमिटेड को नोएडा में एमराल्ड कोर्ट परियोजना के दो 40-मंजिले टावर को ध्वस्त करने के लिए एक कंपनी के साथ एक सप्ताह के भीतर अनुबंध करने का निर्देश दिया था.
नोएडा प्राधिकरण ने पीठ को सूचित किया कि उसने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की के साथ परामर्श करके दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग का चयन किया है. शीर्ष अदालत ने सुपरटेक लिमिटेड को घर खरीदारों को उनके अधिकारों और विवादों के पूर्वाग्रह के बिना पैसे लौटाने का भी निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सुपरटेक लिमिटेड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी से कहा, ‘‘(टावर को ढहाने वाली एजेंसी के साथ) अनुबंध आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर निष्पादित किया जाएगा.’’
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