उत्तराखंड

राज्यसभा से TMC सांसदों का निलंबनः नेता बोले- विपक्ष को बांटने का काम कर रही है सरकार

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नयी दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस के छह सांसदों द्वारा राज्य सभा में नियम विरुद्ध आचरण करने के बाद उनके निलंबन पर बुधवार को पार्टी ने केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार, कृषि कानूनों पर चर्चा की अनुमति देकर और पेगासस जासूसी के मुद्दे को नजरअंदाज कर विपक्ष को बांटने का काम कर रही है.

तृणमूल ने कहा कि जासूसी के मुद्दे पर सरकार के विरुद्ध विपक्ष एकजुट है. पेगासस जासूसी के मुद्दे पर विपक्ष के अन्य सांसदों के साथ तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले तृणमूल के छह सांसदों को राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने दिनभर के लिए निलंबित कर दिया था. हालांकि उन्होंने सांसदों का नाम नहीं लिया लेकिन संसद के एक बुलेटिन में दिनभर के लिए निलंबित किये गए सांसदों की पहचान डोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन बिस्वास, शांता छेत्री ,अर्पिता घोष और मौसम नूर के रूप में की गई है.

इसी समय राज्य सभा में समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ई करीम और आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता की ओर से कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए पेश नोटिस स्वीकार कर लिया गया. सूत्रों ने बताया कि सांसदों के निलंबन के तत्काल बाद, विपक्ष के नेताओं ने संसद में मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में मुलाकात की.

एक घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक में दलों ने संसद के दोनों सदनों में उठायी गयी मांग पर अपना रुख कायम रखने का फैसला लिया. बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और जयराम रमेश, द्रमुक के टी आर बालू और तिरुचि शिवा तथा तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और कल्याण बनर्जी शामिल थे.

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