काबुल में आज पहुंच सकते हैं तालिबान के नेता, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैधता को ध्यान में रख कर बनेगी सरकार
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नई दिल्ली. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Afghanistan Crisis) में तेज़ी से घटनाक्रम में बदलाव देखा जा रहा है. न्यूज़ 18 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तालिबान नेतृत्व सोमवार को दोहा से काबुल पहुंच सकता है. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, अफगान सुलह परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व पीएम गुलबुद्दीन हेकमतयार एक अंतरिम व्यापक-आधारित सरकार स्थापित करने के लिए आतंकवादी समूह के साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं.
एक सूत्र ने कहा कि वे ये बताने की कोशिश करेंगे कि तालिबान के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय वैधता’ प्राप्त करने के लिए एक व्यापक-आधारित सरकार का विकल्प चुनना आवश्यक है. राष्ट्रपति अशरफ गनी रविवार रात देश से भाग गए क्योंकि विद्रोहियों ने राजधानी को घेर लिया. गनी ने भागने के बाद कहा, ‘तालिबान ने अपनी तलवारों और बंदूकों के फैसले से जीत हासिल की है, और अब वे अपने देशवासियों के सम्मान, संपत्ति और आत्म-संरक्षण के लिए जिम्मेदार हैं.’
अफगानिस्तान के 20 साल के युद्ध को खत्म करने के बाद विजयी तालिबान लड़ाकों ने सोमवार को काबुल में पेट्रोलिंग की. इस बीच हजारों लोग देश से भागने की कोशिश कर रहे हैं. रविवार को काबुल में पुलिस और अन्य सरकारी बलों द्वारा अपनी चौकियों को छोड़ने के बाद, तालिबान लड़ाकों ने शहर भर की चौकियों पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति भवन में प्रवेश कर गए.
तालिबान के एक प्रवक्ता एवं वार्ताकार ने रविवार को कहा कि चरमपंथी संगठन अफगानिस्तान में ‘खुली, समावेशी इस्लामी सरकार’ बनाने के मकसद से वार्ता कर रहा है. सुहैल शाहीन ने तालिबान के कुछ ही दिनों में देश के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लेने और राजधानी काबुल में घुस जाने के बाद यह बात कही है जहां अमेरिका अपने राजनयिकों एवं अन्य असैन्य नागरिकों को वापस बुलाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है.
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