उत्तराखंड

पंजाब में बड़ा सवाल ये कि अब क्या करेंगे नवजोत सिंह सिद्धू?

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नई दिल्ली. अभी कुछ घंटों पहले ही आई एक कहानी सबने पढ़ी कि कैसे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) के लिहाज से हफ्तों का सस्पेंस खत्म किया. राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) पर ही दांव खेला. उन्हें इस बार के चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी (CM Candidate of Congress) घोषित कर दिया. और दिलचस्प ये रहा कि ऐसा करते वक्त उन्होंने आखिरी वक्त तक चन्नी के प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू (Navajot Sindhu Siddhu) को इसकी भनक भी नहीं लगने दी.

इसी कहानी के आखिर में यह भी पढ़ा कि मुख्यमंत्री पद के मसले पर स्पष्टता के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की दिल्ली रवानगी तक पंजाब में कोई विवादी-सुर सुनाई नहीं दिया. लेकिन इसके तुरंत बाद बताते हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navajot Singh Siddhu) ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई. इसमें कहा, ‘पार्टी ने मुझे अकेला छोड़ दिया. दिल्ली के कई नेताओं ने मिलकर मेरे खिलाफ साजिश की.’ अब इससे आगे की कड़ी…

फिलहाल क्या कर रहे हैं सिद्धू और क्या आसानी से मैदान छोड़ देंगे?
पंजाब की राजनीति को नजदीक से देखने वाले बता रहे हैं कि सिद्धू इतनी आसानी से मैदान छोड़ने वाले नहीं हैं. हालांकि इस वक्त वे शायद कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे, जिससे पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab assembly Election) में कांग्रेस की जीत की संभावनाओं पर असर पड़े. क्योंकि इससे उनकी भविष्य की राजनीतिक योजनाओं पर भी असर पड़ सकता है. इसीलिए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद (CM Candidate) के उम्मीदवार के रूप में चन्नी के नाम की घोषणा के बाद हुई लुधियाना की रैली में उन्होंने एकजुटता दिखाई. पार्टी के फैसले को मानने की बात की. चन्नी के साथ मंच पर ही हल्का-फुल्का मजाक करते भी दिखे.

लेकिन यहीं उन्होंने अपने तेवर भी दिखाए, ‘मैं पहले ही कह चुका हूं, मुझे राहुल गांधी का फैसला मंजूर है. सिद्धू कोई जुस्तजू नहीं है. मैं किसी पद के पीछे नहीं भागता. मेरा 17 साल का राजनीतिक जीवन इसका प्रमाण है. मुझे अगर कोई जिम्मेदारी दी जाती है तो पंजाब से माफिया मिटा दिया जाएगा. पंजाब के लोगों का जीवन स्तर पर उठेगा. लोगों को सिद्धू की बात पर भरोसा है. वे जानते हैं कि सिद्धू जो बोलता है, कर के दिखाता है.’

सिद्धू ने आगे जोड़ा, ‘मुझे अगर जिम्मेदारी नहीं मिलती, तो जो भी चेहरा सामने आता है, उसका साथ दूंगा.’ इसके साथ ही वे मंच पर बैठे चन्नी की ओर देखकर मुस्कुरा देते हैं और आगे कहते हैं, ‘सिद्धू 50 करोड़ रुपयेए सालाना की आमदनी छोड़कर, अपने परिवार से दूर रहकर यहां खड़ा है. किसलिए? पंजाब के लोगों के लिए. उनकी बेहतरी से ज्यादा सिद्धू के लिए कुछ नहीं.’

तो फिर किस राह जाएंगे सिद्धू और कब तक?
जानकारों की मानें तो नवजोत सिंह सिद्धू चुनाव के बाद पार्टी की जीत-हार के हिसाब से ही अपना अगला कदम उठाएंगे. यह लगभग निश्चित है. क्योंकि एक तो अभी उनके पास किसी कदम की बहुत गुंजाइश नहीं है. पंजाब में 20 फरवरी को ही वोट डाले जाने हैं. इसमें अधिक वक्त बचा नहीं है. दूसरा कारण संभवत: कांग्रेस नेतृत्व की ओर से मिला आश्वासन भी है कि चुनाव बाद पंजाब में सरकार बनी तो उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. वे शायद उसका भी इंतजार कर सकते हैं.

इसके अलावा सिद्धू की पत्नी कुछ दिनों पहले राजनीति में अपेक्षित न मिलने की स्थिति में उनके पारिवारिक कारोबार में लौटने का संकेत भी दे चुकी हैं. हालांकि सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) चूंकि महत्वाकांक्षी और बेधड़क हैं. जोखिम लेते हैं और उनके फैसलों में अक्सर अनिश्चितता भी दिखती है. इसलिए भविष्य के कदम के लिहाज से ‘इंतजार करो और देखो’ (Wait And Watch) की नीति पर कायम रहना भी बेहतर माना जा सकता है.

Tags: Charanjit Singh Chhani, Congress, Hindi news, Navjot Sindh Sidhu, Punjab assembly elections, Rahul gandhi

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