कर्नाटक में सामने आया कोरोना के एटा वेरिएंट का पहला मामला, जानिए ये कितना खतरनाक है
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नई दिल्ली. कोरोना वायरस के नए-नए वेरिएंट चिकित्सा विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ाते जा रहे हैं. हर नए वेरिएंट के साथ कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में विशेषज्ञ उनके प्रभाव को कम करने के लिए शोध में जुटे हैं. इसी बीच अब कर्नाटक के मंगलौर में कोरोना वायरस के ‘एटा’ वेरिएंट का मामला सामने आया है.
स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि गुरुवार को मंगलौर में एक व्यक्ति कोरोना के एटा वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है. इस व्यक्ति ने 4 महीने पहले कतर की यात्रा की थी. राज्य में एटा संस्करण का यह पहला मामला नहीं है. राज्य नोडल अधिकारी और कोविड -19 होल जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) समिति के अध्यक्ष डॉ वी रवि ने कहा कि राज्य में पहला एटा वेरिएंट का मामला अप्रैल 2020 में सामने आया था.
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मंगलौर में मिला ‘एटा’ वेरिएंट के संक्रमण का मामला अभी चिंता का कारण नहीं है. यह वेरिएंट आज भी इओटा, कप्पा और लेम्ब्डा के साथ-साथ ‘वेरिएंट औफ इंटरेस्ट’ बना हुआ है. इन वेरिएंटों के संबंध में अभी शोध जारी है. इसके उलट कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंता के कारण बने हुए हैं. इन वेरिएंटों ने संक्रमण की रफ्तार को तेज करने का काम किया है.
क्या एटा वेरिएंट के कारण आएगी तीसरी लहर
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, कर्नाटक में मिले ‘एटा’ वेरिएंट से राज्य में तीसरी लहर के आने का खतरा नहीं है. इसका कारण यह है कि यह वेरिएंट काफी पुराना है, लेकिन इसकी पुष्टि अब हुई है. यदि यह खतरनाक होता तो अब तक इसके कई मामले सामने आ चुके होते.
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