उत्तराखंड

ऑस्ट्रेलिया के साथ दूध खरीदने का करार कर रही है सरकार, अब राकेश टिकैत ने दी ये चेतावनी

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यमुनानगर. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि अब केंद्र सरकार (Central Government) ऑस्ट्रेलिया के साथ दूध खरीदने को लेकर अगले महीने समझौता (Milk Agreement) करने जा रही है. वहीं दूध 20-22 रुपए प्रति किलो के दाम पर बेचने की योजना है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक किसान संबंधी किसी भी मुद्दे को लेकर सरकार नीति बनाने से पहले  किसान से बात नहीं करेगी तो सरकार को कोई भी कृषि कानून (Agriculture Law) नहीं बनाने दिया जाएगा. शुक्रवार को विजय दिवस महापंचायत में आए किसान नेता राकेश टिकैत बोले देश के अंदर के हालात ठीक नहीं हैं.

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तानाशाही नहीं चलने दी जाएगी. बैंकिंग को निजी सेक्टर में लाकर देश के किसानों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज  में लाना है. उन्होंने कहा कि दिल्ली और चंडीगढ़ में जो नीतियां बनाई जाती है वह जनहित के लिए नहीं होती. उन्होंने कहा कि मजदूर और किसान की लड़ाई बाकी है. देश के लोग कहते थे कि यह मोदी है तो मुमकिन है. मोदी आंदोलन को खत्म कर देगा. लेकिन किसानों की एकता ने यह बता दिया कि अगर एकता हो बड़े से बड़े तानाशाह को भी झुकना पड़ता है और माफी भी मांगनी पड़ती है.

इनका काम हिंदू-मुस्लिम को लड़ाना है: राकेश टिकैत 

किसान नेता टिकैत ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार पूंजीपतियों के बारे में ही पाॅलिसी बनाती है, इनका काम तो सिर्फ हिंदू मुस्लिम को लड़ाना है यह सरकार कभी भी गरीब, मजदूर, बेरोजगार, महंगाई , स्वास्थ्य व शिक्षा  जैसे मुद्दों पर बात नहीं करती है. अडानी और अंबानी को लेकर टिकैत ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार पूंजीपतियों के बारे में ही पालिसी बनाती है. विकास से इनका कोई मतलब नहीं होता. 

SBI बैंक को अडानी को देना चाहती है सरकार: टिकैत

यह सरकार कभी भी गरीब, मजदूर, बेरोजगार, महंगाई , स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे मुद्दों पर बात नहीं करती. यह लोगों को गुमराह करते हैं. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी जमीनों को ज्यादा से ज्यादा अपने पास रखें और बैंकों से कर्जा ना लें. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एसबीआई बैंक को अडानी को देना चाहती है. ताकि इनके माध्यम से किसानों को लोन दे दे और कर्ज ना देने के बाद में उसकी जमीन छुड़ाना चाहती है. यह सरकार की पूंजीपतियों को हर सरकारी चीज बेचने की रणनीति है.

किसानों और आदिवासियों तक नहीं पहुंचा विकास 

राकेश टिकैत ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश के अंदर के हालात ठीक नहीं हैं. कई प्रदेशों में दौरा करके देखा कि दूरदराज के इलाकों के किसान व आदिवासी लोगों का अब तक विकास नहीं हुआ. उन्होंने उड़ीसा के बुजुर्ग किसानों का हवाला देकर कहा कि उन लोगों ने अपने जीवन में भुवनेश्वर शहर तक नहीं देखा. उन लोगों को एमएसपी का पता नहीं है. उनका धान भी 800 रुपये क्विंटल खरीदा जाता है. उन्होंने कहा कि यह अभी शुरूआत है लेकिन उनकी लड़ाई अभी बाकी है. उन्होंने दिल्ली आंदोलन को लेकर कहा कि यह एक ट्रेनिंग कैंप हुआ है.

राकेश टिकैत ने किसानों का किया धन्यवाद

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को जगाधरी अनाज मंडी में आयोजित विजय दिवस महापंचायत में शिरकत की, और किसानों का धन्यवाद किया. राष्ट्रीय नेता युद्धवीर सिंह व प्रदेशाध्यक्ष रतनमान भी शामिल रहे. भाकियू  जिला इकाई द्वारा जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर के नेतृत्व में राकेश टिकैत को पगड़ी पहनाई व गदा भेंट की, युद्धवीर सिंह व रतनमान को भी गदा देकर व शाल भेंट कर सम्मानित किया.

किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों कहा कि दिल्ली के किसान आंदोलन की मीटिंग का पूरे देश में संदेश गया है. जो लोग जीत कर घर वापस गए हैं. उनका हम धन्यवाद करने उनके घर पर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली के आसपास के 2 सौ किलोमीटर में चारों तरफ से यह आंदोलन फैला हुआ था. 13 महीने की लड़ाई से सरकार को अपने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा.

आपके शहर से (यमुनानगर)

Tags: Haryana news, Kisan Andolan, Rakesh Tikait, Rakesh Tikait big statement

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