उत्तराखंड

सैफई महोत्सव के प्रबंधक साइबर फ्राड का शिकार, SBI कार्ड बन्द कराने को Google से जो नम्बर लिया…

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इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) जिले के जसवंतनगर में सैफई महोत्सव (Safai Mahotsav) के प्रबंधक वेदव्रत गुप्ता को गुरुवार को साइबर अपराधियों ने सवा लाख रुपये का शिकार बना लिया. स्टेट बैंक के क्रेडिट कार्ड को बन्द कराने के दौरान ये घटना घटी. स्टेट बैंक शाखा जसवंतनगर के शाखा प्रबंधक दलजीत सिंह भदौरिया ने इस घटना को लेकर ग्राहकों को सचेत किया है कि वह गूगल से नम्बर लेकर बैंकों के लिये कॉल न करें. ज्यादातर फ्राड ऐसे ही होने की घटनाएं आ रही हैं. समय रहते बैंक को खबर दी जाए, तो बैंक से और पैसा अपराधी नहीं निकाल पाते. वरना पूरा खाता साफ कर देते हैं.

दरअसल क्रेडिट कार्ड बन्द कराने के लिए गूगल से जो नम्बर लिया गया, वह डायल करने पर किसी सायबर अपराधी ने अपने मोबाइल लाइन पर ले लिया. पहले उसने उन्हें विश्वास में लिया और फिर एनी डेस्क एप डाऊनलोड करवाकर वेदव्रत गुप्ता के फोन को चतुराई से अपने से लिंक कर चार बार मे कुल मिलाकर 1,24,991 रुपये स्टेट बैंक खाता से उड़ा डाले. पैसा खाता से उड़ाए जाने से हतप्रभ वेदव्रत गुप्ता जब बैंक पहुंचे, तो उनके साथ फ्राड होने का पता चला.

स्टेट बैंक जसवंतनगर के शाखा प्रबंधक ने तुरन्त खाते को लॉककर उसमें से निकासी रोक दी, जिससे और रकम अपराधी नहीं निकाल सके. घटना के शिकार वेदव्रत गुप्ता साइबर क्राइम को लेकर पुलिस की मदद को थाना प्रभारी जसवंतनगर के पास पहुंचे तो उन्होंने इसमें उनके स्तर से किसी मदद की बजाय इटावा सायबर क्राइम सेल भेजा. यहां संदीप नामक आपरेटर ने हाथों हाथ केस लेकर मदद की और अपराधी और उसके द्वारा ट्रांसफर किये गए पश्चिम बंगाल की बैंक को ट्रेस कर लिया. मगर इस घटना की सूचना के प्रार्थना पत्र पर किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की नोटिंग और दस्तखत कराने की सलाह दी. ताकि अपराधी को उसके बैंक से ट्रांजैक्शन रोका जा सके.

गुहार लगाते रहे मगर अफसर न मिले

कई घण्टे क्षेत्राधिकारी, एसपी क्राइम, सीओ क्राइम की तलाश में वेदव्रत गुप्ता पुलिस लाइन और आवासों व सिविल लाइन थाने में भटकते रहे. मगर रिकमंडेशन तो दूर कोई अधिकारी सीयूजी नम्बरों पर भी उपलब्ध नहीं हुआ. सिविल लाइन थाने में मिले एक वरिष्ठ अफसर ने तो कुछ भी मदद करने में हाथ खड़े कर दिए. इससे अपराधी को अपनी बैंक से पैसा ट्रांसफर करने का भरपूर समय मिल गया. इससे सायबर सेल का आपरेटर कुछ भी नहीं कर सका. अपराधी के मोबाइल नम्बर वगैरह पश्चिम बंगाल के हैं.

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