उत्तराखंड

अदालतों में हड़ताल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जताया कड़ा ऐतराज, कहा- जल्द पारित करेंगे आदेश

[ad_1]

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के कड़े रुख के बावजूद अदालतों में हड़ताल की समस्या मौजूद है. शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा कि वह इस समस्या से निपटने के लिए एक विस्तृत आदेश पारित करेगा क्योंकि हड़ताल और अदालती कार्य से दूर रहने के कारण वादियों को परेशान होना पड़ता है. शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि वादियों को समय पर न्याय नहीं मिलता है तो यह कानून के शासन और न्याय वितरण प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रभावित करेगा.

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने मामले की अगली सुनवायी की तिथि 4 अक्टूबर तय करते हुए कहा, ‘अदालतों में कार्य के बहिष्कार को प्रोत्साहित नहीं करने को लेकर बीसीआई द्वारा दृढ़ रुख अपनाये जाने के बावजूद, हड़तालें आहूत की जा रही हैं और अदालत में कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है. हम समस्या से निपटने के तरीके पर एक व्यापक विस्तृत आदेश पारित करना चाहेंगे.’

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्‍ध हालात में मौत, मौके से मिला सुसाइड नोट

शीर्ष अदालत ने यह भी संकेत दिया कि वह वकीलों की समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर शिकायत निवारण समितियों के गठन पर विचार कर सकती है. उच्चतम न्यायालय की यह टिप्पणी बीसीआई के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा की दलीलों पर गौर करने के बाद आई जिन्होंने कहा कि सभी बार काउंसिल के पदाधिकारियों की बैठक हुई और हड़ताल के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया.

सुकांता मजूमदार बने बंगाल भाजपा के नए अध्यक्ष, दिलीप घोष को मिली नई जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि स्टेट बार काउंसिल के सभी प्रतिनिधियों द्वारा एकमत से यह विचार व्यक्त किया गया कि अनावश्यक और अनुचित हड़ताल और कार्य बहिष्कार अच्छा नहीं है और बार निकायों को अधिवक्ताओं को ऐसा करने से हतोत्साहित करना चाहिए.

‘ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती, चप्पल उठाने वाली होती है ब्यूरोक्रेसी,’ उमा भारती का Video वायरल

बीसीआई ने पहले शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि उसने स्टेट बार काउंसिल की एक बैठक बुलाई है और वकीलों द्वारा हड़ताल को कम करने के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव रखा है और उन अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है जो काम से दूर रहने के लिए सोशल मीडिया पर दूसरों को उकसाते हैं.

शीर्ष अदालत ने 26 जुलाई को कहा था कि उसने पिछले साल 28 फरवरी को अपना फैसला सुनाया था और बीसीआई और स्टेट बार काउंसिल को वकीलों द्वारा हड़ताल और काम से दूर रहने की समस्या से निपटने के लिए ठोस सुझाव देने का निर्देश दिया था.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *