चीनी सेना से मुंह मोड़ रहे वहां के युवा, बढ़ी ड्रैगन की चिंता, घटाए भर्ती के मानक
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नई दिल्ली. चीन (China) इस वक्त चारों ओर से घिरा हुआ है. दुनिया के तमाम बड़े देश चीन की दादागीरी को खत्म करने के लिए एकजुट हो रहे हैं. इस बीच एक और चिंता ने चीन को घेरना शुरू कर दिया है. दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे ताकतवर सेना बनाने में जुटे चीन को एक बड़ा झटका लगा है. दरअसल चीन को अपनी सेना (PLA) के लिए सैनिक ही नहीं मिल रहे हैं. खुफिया जानकारी के मुताबिक चीन के नागरिकों का स्वेच्छा से फौज में शामिल होना लगातार घट रहा है.
सेना में अपनी करियर बनाने में युवा रुचि नहीं दिखा रहे. जो दिखाते हैं वो सेना में शामिल होने के लिए तय किए गए मानकों पर खरा नहीं उतर रहे. लिहाजा अब चीनी सेना ने भर्ती के लिए तय किए गए मानकों को घटा दिया है. सूत्रों के मुताबिक नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी ने एकेडमिक क्राइटेरिया घटा दिया है.
चीनी सेना में भर्ती होने का जरिेया चाइनीज मिलिट्री अकेडमी और मिलिट्री स्कूल में एनरोलमेंट के बाद से शुरू होता है. लेकिन स्टूडेंट्स कम आ रहे हैं. इस समस्या से निपटने के लिए बीजिंग की नेशनल डिफेंस अकेडमी, जो पहले उन्हीं स्टूडेंट्स को एनरोल करती थी जिनके अकेडमिक्स में कम से कम 600 नंबर होते थे लेकिन अब इसे घटाकर 573 कर दिया गया है.
रिटायर्ड सैनिकों के लिए भी फिर से भर्ती का रास्ता खोल रहा है
चीन को उम्मीद है कि शायद इससे समस्या कुछ हद तक कम हो जाए. हालांकि इस कमी को पूरा करने के लिए एक तरीका चीन ने खोज लिया है. अब तो चीन अपने रिटायर्ड सैनिकों के लिए भी फिर से भर्ती का रास्ता खोल रहा है. और ये पहली बार होगा कि सेना से रिटायर होने वालों के लिए भर्ती शुरू की जा रही है.
रिटायर्ड पीएलए के सैनिकों को टॉप प्रायॉरिटी दी जाएगी
युद्ध के वक्त अनिवार्य सैन्य भर्ती के लिए रिटायर्ड पीएलए के सैनिकों को टॉप प्रायॉरिटी दी जाएगी. कुछ समय पहले ही चीन के वेटरन अफेयर मिनिस्ट्री ने नए संशोधन किए और ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की है. इस पॉलिसी के तहत जो सैनिक या अफ्सर जिस यूनिट और पोस्ट से रिटायर हुए थे उन्हें उसी यूनिट में उसी पद पर या उसी के समकक्ष पद पर किसी और जगह भी तैनात किया जा सकता है.
इन नए नियमों के तहत अलग-अलग स्तरों पर सरकार और अन्य सैन्य एजेंसियों के लिए सैनिकों और सैन्य कर्मियों को तैयार करने की जिम्मेदारी स्टेट काउंसिल या सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के पास होगी और वो ही मोबलाइजेशन ऑर्डर जारी करेंगे. चीन की इस तरह की तैयारियों से लग रहा है कि चीन आने वाले समय के संभावित युद्ध के लिए खुद को तैयार कर रहा है.
नए नियम और पुराने नियमों में संशोधन
सैनिकों की कमी न हो इसके चलते नए नियम और पुराने नियमों में संशोधन कर रहा है. वैसे तो चीन की सेना के बारे में कहा जाता है कि चीनी पीएलए में जबरन भर्ती किया जाता है और उसी का नतीजा होता है कि उनके अंदर देशभक्ति की भावना नहीं दिखती. वहीं अगर हम भारतीय सेना की बात करें तो भारतीय सेना में भी अफसरों और जवानों की कमी है लेकिन कभी भारतीय सेना ने तय किए गए मानकों में किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की. उसकी वजह ये है कि यहा का युवा देशभक्ति के जज्बे के साथ सेना में भर्ती होता है तभी तो फौज में भर्ती के लिए युवाओं की कतारें लग जाती हैं.
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