उत्तराखंड

राजस्थान: बेरोज़गारी से तंग आकर युवक ने की आत्महत्या, 10 साल से था नौकरी का इंतज़ार

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जयपुर. राजस्थान के धौलपुर में एक युवक ने बेरोजगारी से तंग आ कर आत्महया (Unemployed Youth Suicide) कर ली. कहा जा रहा है कि 28 साल के नारायण मीणा पिछले 10 साल से सरकारी नौकरी के इंतज़ार में थे. इसी हफ्ते किराए के एक मकान में उन्होंने फांसी लगा ली. मृतक युवक ने सुसाइड नोट में पिछली बीजेपी सरकार पर नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने परिवार के हवाले से लिखा है कि बीजेपी सरकार ने आयुर्वेद कंपाउंडर की भर्ती का ऐलान किया था. लेकिन इस पोस्ट पर कभी भी किसी को नहीं लिया गया. मीणा राज्य में अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं.

क्या लिखा सुसाइड नोट में
मीणा ने अपने सुसाइड नोट में सीएम गहलोत से अपने माता-पिता और मौसी के परिवार के लिए आर्थिक मदद की भी अपील की है. नारायण मीणा ने सुसाइड नोट में आगे लिखा है, ‘उस सरकार के पांच साल किसी अकाल की तरह बीत गए. मैंने 2012 से इंतजार किया और अपने परिवार के पैसे बर्बाद करता रहा.

सदमे में था युवक
उनके 65 वर्षीय पिता भंवर सिंह मीणा ने फोन पर बताया कि वो नई कंपाउंडर वेकेंसी के लिए परीक्षा में बैठे थे, लेकिन पिछले साल के अंत में रिजल्ट आने पर उनका चयन नहीं हुआ. उसी दिन उसने तीन दिनों तक खाना बंद कर दिया और रोता रहा. घर पर (जिले के नकटपुरा गांव में) सभी ने उसे शांत कराया. हमने उसे 15-20 दिनों तक अपने पास रखा. फिर उसने कहा कि उसका एक एग्जाम बाकी है. इसके बाद वो दोबारा धौलपुर चला गया.’

धौलपुर में सुसाइड
चाचा रामभजन ने बताया कि वो धौलपुर में अकेले रहता था. उन्होंने कहा, ‘पटवारी का रिजल्ट आया और वो पास नहीं हुआ. 25 जनवरी को नतीजे आने के बाद वो फिर सदमे में चला गया. फिर उसने 25-26 जनवरी की रात को आत्महत्या कर ली. हमें इसके बारे में 26 जनवरी की सुबह पता चला. फिर शव लाने धौलपुर शहर गए और वहां से हमें सुसाइड नोट बरामद हुआ.’

क्यों नही हुई भर्ती
आयुर्वेद नर्स यूनियन, राजस्थान के अध्यक्ष धनुष राम मीणा के अनुसार, अशोक गहलोत सरकार ने 2013 में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी नर्सों / कंपाउंडरों के लिए 1,600 वेकेंसी की घोषणा की थी, इसके बाद तीनों पोस्ट को आयुष मंत्रालय एक साथ क्लब कर दिया. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2013 में चुनी गई नई भाजपा सरकार ने इन रिक्तियों को भरने का वादा किया था, लेकिन बाद में इनमें से एक हजार को काट दिया, केवल 600 पदों को छोड़कर – जो 2018 तक भरे गए थे.

Tags: Rajasthan news, Unemployment

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