उत्तराखंड

त्रिशूल, वज्र, सैपर पंच; भारतीय सेना के लिए फर्म ने तैयार किए हथियार, गलवान हिंसा से है रिश्ता

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गैर घातक हथियार के साथ एपेस्ट्रॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीटीओ मोहित कुमार.

गैर घातक हथियार के साथ एपेस्ट्रॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीटीओ मोहित कुमार.

UP Firm Developed Weapons: मोहित कुमार ने बताया कि गलवान संघर्ष के बाद सुरक्षा बलों ने उनकी कंपनी को गैर-घातक हथियार बनाने के लिए कहा था.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की एक फर्म ने सुरक्षा बलों के लिए पारंपरिक भारतीय हथियारों से प्रेरित गैर-घातक हथियार विकसित किए हैं, जिनका इस्तेमाल ना सिर्फ दुश्मन सैनिकों के खिलाफ किया जा सकता है, बल्कि हिंसा, उपद्रव जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए भी हो सकता है. हथियारों को तैयार करने वाली एपेस्ट्रॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीटीओ मोहित कुमार ने बताया कि गलवान संघर्ष के बाद सुरक्षा बलों ने उनकी कंपनी को गैर-घातक हथियार बनाने के लिए कहा था.

मोहित ने कहा, “गलवान संघर्ष में चीन द्वारा हमारे सैनिकों के खिलाफ तार वाली लाठी, टेसर का इस्तेमाल करने के बाद सुरक्षा बलों ने हमें गैर-घातक हथियार विकसित करने के लिए कहा.”

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