UP Population Policy: यूपी में साल दर साल घट रही है प्रजनन दर, गर्भनिरोधक का उपयोग भी बढ़ा; पूरा विश्लेषण
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आधिकारिक आंकड़ों के रिसर्च में पता चला कि पिछले कई वर्षों में पैदा होने वाले बच्चों की औसत संख्या कम हो गई है. यूपी में 17 वर्षों में प्रजनन दर घटी है. 1999 में उत्तर प्रदेश में प्रजनन दर 4.06 फीसदी थी जो 2016 में घटकर 2.7 फीसदी हो गई. जबकि इसी अवधि के दौरान भारत में केवल 0.7 की गिरावट आई है. उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति के अनुसार, प्रस्तावित जन्म दर को प्रदेश में 2026 तक 2.1% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार यूपी की जन्म दर अभी 2.7% है, जो राष्ट्रीय औसत से 2.2% से अधिक है. इसे 2030 तक 1.9% तक लाने का लक्ष्य है. इसके लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भ निरोधक उपायों की पहुंच बढ़ाने और स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने पर जोर रहेगा.
सीएनएन-न्यूज18 द्वारा किए गए विश्लेषण में एनएफएचएस के आंकड़ों से पता चलता है कि 2006 और 2016 के बीच, राज्य की कुल प्रजनन दर में प्रति महिला 1.1 बच्चों की गिरावट आई थी.
किस साल में कितनी प्रजनन दर?
2005-06 में राज्य की कुल प्रजनन दर 3.8 थी. शहरी क्षेत्रों में यह 2.95 थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 4.13 थी. 1998-99 में, यूपी की कुल प्रजनन दर 4.06 थी. राज्य के शहरी हिस्सों में टीएफआर 2.91 था जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 4.39 था. भारत में अब तक NFHS के चार दौर (1992–93, 1998–99, 2005–06, 2015-16) पूरे हो चुके हैं जबकि पांचवां दौर (2019-20) अभी भी चल रहा है.
गर्भनिरोधक का इस्तेमाल बढ़ा
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में गर्भनिरोधक ता इस्तेमाल बढ़ा है. 2016 में गर्भनिरोधक का प्रयोग 46 प्रतिशत था. यानि की 1999 के मुकाबले यह 1.5 गुणा अधिक है. 1999 में गर्भनिरोधक का इस्तेमाल सिर्फ 27 प्रतिशत था.
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