Uttarakhand: 1988 बैच के आईएएस सुखबीर सिंह संधू बने उत्तराखंड के नए चीफ सेक्रेटरी
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दरअसल संधू केंद्र में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उनका डेपुटेशन इसी महीने की 21 तारीख को खत्म हो रहा है. तकनीकी तौर पर इसके बाद उनको अपने होम कैडर में ज्वाइन करना है. संधू फिलहाल नेशनल हाईवे अथॉरिटी के चेयरपर्सन थे. पिछले साल दिसंबर में उनको 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था. संयोग से एसएस संधू ऐसे समय में मूल कैडर ज्वाइन कर रहे हैं जब राज्य में 11 वें मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी आ चुके हैं.
इस कारण हटे ओमप्रकाश
माना जा रहा है कि इसी मार्च में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत की छुट्टी हुई थी और तीरथ तीरथ सिंह रावत उनके रिप्लेसमेंट के तौर पर दसवें मुख्यमंत्री के तौर पर आये थे, तभी ये कयास शुरू हो गए थे कि जो अभी मुख्य सचिव हैं, ओमप्रकाश उनको हटाया जाएगा. खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने साफ संकेत दिए थे कि वह ब्यूरोक्रेसी में बदलाव चाहते हैं. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में जिंमेदारी संभाली थी. उनके चयन को लेकर भाजपा सरकार में हमेशा एक राय नहीं थी और उनको त्रिवेंद्र का करीबी माना जाता रहा है.
तीरथ सिंह के समय ही शुरू हो गई थी नए चीफ सेक्रेटरी की खोज
इस बीच पूर्व सीएम तीरथ सिंह कि सरकार ने जब नए मुख्य सचिव के लिए खोज शुरू की तो उनकी खोज दो नामों पर आकर टिकी थी. पहली 1988 बैच की आईएएस राधा रतूड़ी जो अभी अपर मुख्य सचिव हैं. दूसरे 1988 बैच के ही केंद्र में डेपुटेशन पर एसएस संधू. सूत्र बताते हैं तीरथ सरकार एसएस संधू को नए चीफ सेक्रेटरी के तौर पर चाहती थे, इसलिए तत्कालीन सरकार के समय में केंद्र के साथ लिखा पढ़ी शुरू हुई. इस बीच सीएम बदल गए, नए मुख्यमंत्री आ गए और केंद्र ने भी संधू का मामला फटाफट क्लियर कर दिया.
कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे संधू
एसएस संधू की बात करें तो उन्होंने पंजाब, उत्तर प्रदेश उत्तराखंड जैसे राज्यों में काम किया है. इसके अलावा वह केंद्र में महत्वपूर्ण पदों पर रहे. केंद्र में उन्होंने हायर एजुकेशन, टेक्निकल एजुकेशन विभागों में एडिशनल सेक्रेटरी के तौर पर काम किया. संधु की छवि विषय के जानकार और कड़क मिजाज अफसर के तौर पर भी जानी जाती है. एनडी तिवारी सरकार के समय में संधू ने अपने काम की छाप छोड़ी थी. राजनीतिक गलियारों में नए चीफ सेक्रेटरी को लेकर खासी चर्चाएं हैं.
माना जा रहा है कि नए चीफ सेक्रेटरी के साथ ही नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ब्यूरोक्रेसी में बड़े पैमाने पर पत्ते फेंटना चाहते हैं. लंबे समय से अपने पदों में जमे कुछ अपर सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी ब्यूरोक्रेसी के फेरबदल की जद में आ सकते हैं. इनके अलावा आगामी चुनावों के मद्देनजर कुछ जिलों के डीएम और एसएसपी भी आने वाले दिनों में बदले जा सकते हैं.
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