भगवानपुर मेडिकल कॉलेज के मुद्दे पर हंगामे के बाद स्थगित हुई उत्तराखंड विधानसभा, फिर सदन में आई CAG रिपोर्ट
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देहरादून. उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिए स्थगित करने की नौबत आई. कांग्रेस विधायकों ने भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज न बनने के मामले में विरोध जताते हुए सवाल उठाए. नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की तीखी बयानबाज़ी के बाद विपक्षी सदस्य सदन के बीचों बीच इकट्ठे होकर नारेबाज़ी करने लगे, जिसके चलते सदन की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा. इसके बाद सदन जब दोबारा शुरू हुआ तो सदन के पटल पर 2019-20 से संबंधित कैग रिपोर्ट रखी गई. कुछ और भी हलचलों के कारण विधानसभा का चौथा दिन गरमागरमी भरा रहा.
हरिद्वार ज़िले के भगवानपुर क्षेत्र से विधायक ममता राकेश ने डॉ. बीआर आंबेडकर के नाम पर बनवाए जाने वाले मेडिकल कॉलेज के निर्माण में हुई सालों की देर को सरकार की नाकामी बताते हुए सवाल किए. राज्य के शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने जवाब में कहा कि नियमानुसार एक ज़िले में एक से ज़्यादा मेडिकल कॉलेज नहीं बन सकता. इस जवाब को स्वीकार न करते हुए कांग्रेस के विधायकों ने सदन में भारी हंगामा किया.
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सरकार पर दलित विरोधी होने के आरोप
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने रावत से स्पष्ट जवाब मांगते हुए पूछा, ‘उत्तराखंड सरकार भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज बनवाना चाहती है कि नहीं?’ इसके बाद विपक्षी विधायकों ने सदन के गर्भ में आकर नारेबाज़ी शुरू कर दी और राज्य सरकार को दलित विरोधी बताया क्योंकि भगवानपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल के बार बार कहने पर भी जब विपक्ष ने हंगामा बंद नहीं किया, तब सदन को करीब आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया.
महंगाई के विरोध में कांग्रेस विधायक साइकिल चलाकर विधानसभा पहुंचे.
बाद में पत्रकारों से बातचीत में प्रीतम सिंह ने सरकार पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाया. वहीं, सदन में इस मामले में बहस करते हुए मंगलौर से विधायक काज़ी निज़ामुद्दीन ने साफ तौर पर कहा कि ‘जब श्रीनगर में मेडिकल कॉलेज होते हुए भी पौड़ी ज़िले में कोटद्वार में दूसरा मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है, तो किस नियम के हिसाब से हरिद्वार में दूसरा मेडिकल कॉलेज नहीं खोला जा सकता.’
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सदन के बाहर भी हुआ हंगामा
हंगामे के बाद मंत्री बंशीधर भगत ने कैग रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी लेकिन इससे पहले सदन के बाहर भी कई तरह की हलचलें देखने को मिलीं. एक तरफ, कांग्रेस विधायक तेल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के विरोध में साइकिल चलाकर और केंद्र सरकार के विरोध में पोस्टर, बैनर लहराकर विधानसभा पहुंचे तो वहीं, उत्तराखंड में मज़बूत भू कानून की मांग की गई. एक अन्य खबर की मानें तो आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन के साथ ही भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान के कार्यकर्ताओं ने भी गुरुवार को विधानसभा कूच किया.
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