उत्तराखंड

बिजलीकर्मियों की 15 घंटे की हड़ताल से बैकफुट पर उत्तराखंड सरकार, महीने भर की मोहलत मांगी

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देहरादून. ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत और संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के बीच बातचीत के बाद ऊर्जा कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को स्थगित कर दिया. बैठक के बाद संयुक्त संघर्ष मोर्चा से जुड़े पदाधिकारियों ने हड़ताल को वापस ले लिया. बैठक में यूपीसीएल एमडी दीपक रावत भी मौजूद रहे और काफी मंथन के बाद कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने समय मांगा, जिस पर विद्युत कर्मचारी संघ ने सहमति जताते हुए हड़ताल को फिलहाल खत्म कर दिया.

ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल तकरीबन 15 घंटे तक चली. मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि 1 महीने के अंदर संयुक्त संघर्ष मोर्चा की मांगों को पूरा किया जाएगा. यह आश्वासन भी दिया गया कि जायज़ मांगों को विभागीय स्तर पर 15 दिन के अंदर निपटाने का प्रयास किया जाएगा. अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा निगम के संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी सोमवार देर रात से हड़ताल पर थे, जिसके बाद प्रदेश के कई इलाकों में बिजली संबंधी दिक्कतें पेश आईं.

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बिजली कटी तो सरकार की बत्ती जली

14 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार सरकार पर सुबह से दबाव बनाया गया. कर्मचारियों की हड़ताल के कारण देहरादून के बिंदाल, माजरा पुरकुल और झाझरा पावर हाउस समेत शहर के कई इलाकों की बिजली गुल रही. 15 घंटे तक चली हड़ताल ने ऊर्जा मंत्री को बैकफुट पर ला ही दिया. इससे पहले यूपीसीएल एमडी मुख्य सचिव से वार्ता के बाद कर्मचारियों को आश्वासन नहीं मिला था. इसके बाद ही हड़ताल शुरू की गई थी. मंगलवार सुबह कैबिनेट बैठक से भी कर्मचारियों को उम्मीदें थीं लेकिन बैठक में इस बारे में कोई प्रस्ताव न आने से कर्मचारियों में रोष बढ़ा और इसके बाद खुद ऊर्जा मंत्री को मांगें मानने पर मजबूर होना पड़ा.

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