Uttarakhand News: स्वास्थ्य मंत्री का ऐलान, 31 दिसंबर तक 100% लोगों को लग जाएगी कोरोना वैक्सीन
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नई दिल्ली. उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए अब तेजी से कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान चलाया जा रहा है. राज्य भर में लोगों को कोविड वैक्सीन की डोज दी जा रही हैं और उन्हें इस संक्रमण से कुछ हद तक सुरक्षित किया जा रहा है. इसी को लेकर अब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने ऐलान किया है कि 31 दिसंबर तक राज्य के हर किसी व्यक्ति को कोरोना की खुराक दे दी जाएगी.
रावत ने कहा कि हम 100 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य में लगातार लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. चिकित्सकों के साथ ही नर्सिंग स्टाफ दूर दराज के इलाकों में जाकर भी लोगों को कोरोना की डोज दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि दूर दराज और कुछ दुर्गम पहाड़ी इलाकों में गांव होने के चलते कोरोना वैक्सीनेशन के इस अभियान में परेशानी आती है लेकिन फिर भी चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने हार नहीं मानी है और लगातार वे अपना काम कर रहे हैं.
रावत ने कहा कि हम 100 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य में लगातार लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. चिकित्सकों के साथ ही नर्सिंग स्टाफ दूर दराज के इलाकों में जाकर भी लोगों को कोरोना की डोज दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि दूर दराज और कुछ दुर्गम पहाड़ी इलाकों में गांव होने के चलते कोरोना वैक्सीनेशन के इस अभियान में परेशानी आती है लेकिन फिर भी चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने हार नहीं मानी है और लगातार वे अपना काम कर रहे हैं.
एक और AIIMS
साथ ही धन सिंह रावत ने कहा कि हम उत्तराखंड में एक और एम्स खोलने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसी संबंध में वे सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से दिल्ली में मुलाकात भी करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम राज्य में मौजूद सभी गर्भवती महिलाओं के लिए एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं और जल्द ही उनको इसका लाभ मिलेगा.
इधर बढ़ता खतरा…
वहीं राज्य में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. नियमों में ढील के साथ ही देशभर से राज्य में पर्यटकों का तांता लग गया है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग या अन्य कोरोना संबंधी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. धार्मिक स्थलों के साथ ही पर्यटन स्थल पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी संक्रमण के खतरे को बढ़ा रही है.
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