उत्तराखंड STF ने 2 साइबर ठगों को पुणे से किया गिरफ्तार, फर्जी अधिकारी बनकर उड़ाए थे 10 लाख
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देहरादून. बैंक अधिकारी बनकर आम लोगों के खाते से ऑनलाइन एक्सेस (Online Access) प्राप्त कर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को उत्तराखंड एसटीएफ पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है. आपको बता दें इन दोनों आरोपियों के द्वारा देहरादून निवासी यदुवीर सिंह (Yaduveer Singh) से एक्सिस बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बन कर वादी का इंटरनेट पासवर्ड रिसेट करने की बात करते हुए वादी के खाते से ऑनलाइन एक्सेस किया गया. और उनके खाते से करीब 10 लाख रुपए का लोन ले लिया और अपने खातों में ट्रांसफर कर दिए. उत्तराखंड एसटीएफ पुलिस (Uttarakhand STF Police) ने अपराधियों की तलाश में जामतारा, देवघर सहित कई स्थानों में तलाश की, लेकिन मुखबिर की सूचना मिलने के बाद उत्तराखंड एसटीएफ पुलिस ने दोनों आरोपियों को पुणे के कोल्हापुरी काठा लॉज से गिरफ्तार किया. फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है.
दरअसल, वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे हैं. ठगों द्वारा आम जनता को फोन कर स्वयं को “बैंक अधिकारी बन खाते का ऑनलाइन एक्सेस प्राप्त कर धोखाधड़ी” करने की काफी शिकायतें प्राप्त हो रही थीं. जिसपर एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ था. जिसमें पीड़ित यदुवीर सिह ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत दी. पीड़ित यदुवीर का कहना था कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा कॉल कर स्वयं को एक्सिस बैंक का कस्टमर केअर अधिकारी बताया और इंटरनेट पासवर्ड रिसेट करने की बात कहकर वादी के खाते का ऑनलाइन एक्सेस लिया गया तथा उनके खाते में 10 लाख का लोन प्राप्त करके साथ पहले से मौजूद रुपये 78000/- की धनराशि को भी ट्रांसफर कर दिया गया जिसपर साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की.
एटीएम के माध्यम से पैसे को निकाल लेते हैं
कार्रवाई के दौरान पुलिस ने खाते से ट्रांसफर हुए पैंसों की जानकारी जुटाई तो पता चला कि जिन ई-वालेट तथा बैंक खातों पैंसा ट्रांसफर हुआ है वो झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्र आदि राज्यो के बैंक खातो हैं. जिन पर कार्रवाई करते हुए और मुख़बिर की सुचना पर एसटीएफ और साइबर पुलिस ने गिरोह से जुड़े 02 सदस्य निसार अंसारी एवं अब्दुल अंसारी निवासी झारखण्ड को पुणे, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया. इन्हें ट्रांजिट रिमाण्ड पर उत्तराखण्ड लाया जा रहा है. वहीं, मामले में एसपी एसटीएफ चंद्रमोहन सिंह का कहना है कि अभी तक आरोपियों से पूछताछ पर महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुयी कि वह और उनके सहयोगी बैंक अधिकारी बनकर जनता से सम्पर्क करते हैं तथा उनको बातों के झांसे में लेकर उनका नेट बैंकिंग का एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं. फिर, नेट बैंकिंग के माध्यम से उनके खाते में बैंक से ऑनलाइन लोन प्राप्त कर उन्हें अन्य खातों में स्थानान्तरित कर एटीएम के माध्यम से पैसे को निकाल लेते हैं.
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