उत्तराखंड

मुख्यमंत्रियों का बार-बार बदलना उत्तराखंड की परंपरा, 21 सालों में राज्य ने देखे कितने सीएम?

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देहरादून/नई​ दिल्ली. सिर्फ चार महीने के कार्यकाल के बाद ही तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद एक बार फिर राज्य में मुख्यमंत्री बदला जाएगा. राज्य में मुख्यमंत्री बदलते रहने का एक लंबा इतिहास रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनी थी, जिसका कार्यकाल अगले साल पूरा हो रहा है और मार्च के महीने में विधानसभा चुनाव 2022 संभव हैं. पांच साल के इस मौजूदा कार्यकाल में भाजपा अब तीसरी बार मुख्यमंत्री बदलेगी क्योंकि पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह मार्च 2021 में सीएम बनाए तीरथ सिंह रावत ने भी इस्तीफा दे दिया है. लेकिन एक ही कार्यकाल में सीएम बदलते रहने का सिलसिला राज्य में पहले भी रहा है.

भाजपा अपने मौजूदा कार्यकाल में तीसरे मुख्यमंत्री को चुनने के लिए शनिवार दोपहर बैठक करने जा रही है. इससे पहले भी, जब भाजपा को राज्य में सत्ता मिली थी, तब भी ऐसा हुआ था कि तीन बार मुख्यमंत्री घोषित किए गए थे. हालांकि तब दो ही चेहरों के बीच कार्यकाल बंटा था, इस बार क्या होता है, यह देखना भी दिलचस्प होगा. और भाजपा ही नहीं, कांग्रेस के कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री बार बार हटाए और लाए जाने की नौबत आती रही. दे​खिए क्या है यह अटपटा सा इतिहास.

21 सालों में कितने मुख्यमंत्री?

साल 2000 में 9 नवंबर को उत्तराखंड की स्थापना हुई थी, जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर यह नया राज्य बना था. तबसे करीब 21 सालों में राज्य को कुल 9 चेहरे मुख्यमंत्री के तौर ​पर मिल चुके हैं, हालांकि तीरथ सिंह रावत के बाद सीएम का जो ऐलान होगा, वह 13वां मौका होगा, जब किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. इन 9 चेहरों में से 6 भाजपा नेताओं के रहे हैं और बाकी 3 कांग्रेस पार्टी के. पार्टी के​ हिसाब से देखिए कि कैसे बार बार बदले जाते रहे हैं सीएम.

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नारायण दत्त तिवारी और हरीश रावत, कांग्रेस पार्टी के नेता जो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे.

भाजपा ने कितनी बार बदले सीएम?

नवंबर 2000 से मार्च 2002 तक, यानी राज्य बनने के पहले दो सालों के भीतर ही भाजपा ने दो चेहरे बतौर सीएम दिए. करीब एक साल तक नित्यानंद स्वामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे और फिर भगत सिंह कोशियारी को मुख्यमंत्री बनाया गया. 2002 में कांग्रेस की सरकार बनी. इसके बाद फिर राज्य में भाजपा सत्ता में आई. 2007 में भुवनचंद खंडूरी को भाजपा ने सीएम बनाया लेकिन दो साल बाद रमेश पोखरियाल निशंक सीएम बनाए गए, जिन्हें 2 साल बाद हटाकर फिर खंडूरी को सीएम बना दिया गया. और 2017 से मौजूदा कार्यकाल के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत 4 साल तक सीएम रहने के बाद इस साल मार्च में ​हटाए गए और अब तीरथ सिंह रावत भी.

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कांग्रेस का रिकॉर्ड कैसा रहा?

भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ने कम चेहरे बतौर मुख्यमंत्री दिए, लेकिन मुख्यमंत्री बार बार बदलने की नौबत बनी रही. नारायण दत्त तिवारी राज्य में इकलौते सीएम रहे,​ जिन्होंने 2002 से 2007 तक कार्यकाल पूरा किया. इसके बाद 2012 में सत्ता की चाबी कांग्रेस को मिली तो विजय बहुगुणा सीएम बने, लेकिन दो साल पूरे करने से पहले ही उनकी जगह हरीश रावत सीएम बने. पहली बार 2014 में सीएम बने रावत अगले तीन सालों में तीन बार सीएम बने. जी हां, मार्च अप्रैल और अप्रैल मई 2014 के दौरान राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन की नौबत बनी.

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