उत्तराखंड

उत्तराकाशी रामलीला, पिछले 11 वर्षों से हो रहा है गढ़वाली रामलीला का आयोजन, डॉ एसडी जोशी, वरिष्ठ पत्रकार प्रेम पंचोली और राकेश बिजल्वाण को किया गया गढ़ गौरव सम्मान से सम्मानित

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उत्तराकाशी। सीमांत जनपद उत्तराकाशी मुख्यालय में स्थित आजाद मैदान के रामलीला मंच पर साल 2011 से यहां गढ़वाली रामलीला का आयोजन हो रहा है। वैसे भी उत्तराकाशी की रामलीला का सदियों से अपनी एक खास पहचान है। इन सभी वर्षाे को जोड़ देंगे तो रामलीला का यह 71वां वर्ष है। क्षेत्रीय भाषा गढ़वाली रामलीला का यह 11वां वर्ष है। बता दें कि इस दौरान खास इस मायने कि सामाजिक कार्यकर्ता जयेंद्र सिंह पंवार ने संस्कृत व बृजभाषा मे लिखित रामलीला ग्रंथ को गढ़वाली भाषा में परिवर्तित कर गढ़वाली रामलीला ग्रंथ का प्रकाशन किया है। यह ग्रंथ अपने आप मे गढ़वाली भाषा का पहला रामलीला मंचन का ग्रंथ कहा जा सकता है।

उल्लेखनीय यह कि इस गढ़वाली रामलीला के ग्रंथ में जो भी चौपाई, दोहा या अन्य गायन शैली के छंद वाक्य आदि आदि है उनके आगे उनकी धुन के संकेत भी है। जिसे शास्त्रीय संगीत की भाषा मे कोडिंग कहते है। यानी कोई भी इसको इन संकेतों से गा सकते है और अभिनय भी कर सकते है। ज्ञात हो कि यहां रामलीला का ही मंचन ही नही बल्कि इस आयोजन के मार्फत सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को भी मंच से गढ़ गौरव सम्मान से सम्मानित किया जाता है। सम्मान समारोह के क्रम में उत्तराकाशी गौरव समान अन्य सम्मान भी यहां उत्कृष्ट नागरिकों दिया जाता है।

पद्मश्री डॉ० प्रीतम भरतवाण, स्वनामधन्य नरेंद्र सिंह नेगी आदि अन्य प्रतिभावो को मंच समम्मनित कर चुका है। जबकि यह मंच उन कलाकारों को भी सम्मानित करता है जिन्होंने इस मंच पर रामलीला के अलग अलग पत्रों के रूप में अभिनय किया है और अब दिवंगत हो गए है। कुल मिलाकर गढ़वाली रामलीला के मार्फत एक तरफ व्यक्तित्व की पहचान करना दूसरी तरफ लोकभाषा के सरंक्षण की यह खास पहल है। रामराज्य की कल्पनाओं को साकार करने के लिए भी यह मंच राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्याे से जुड़े लोगों को भी स्थान देता है। इस गढ़वाली रामलीला के और कई मायने लोग निकाल सकते हैए मगर शांति, सौहार्द, अहिंसा, प्रेम के लिए भी रामलीला व्यवस्थित संदेश दे रही है। इसीलिए लोग नियत समय पर रामलीला पंडाल में हर दिन पहुंच जाते है। इस दौरान यानि गढ़वाली रामलीला मंचन के 11वे वर्ष में विभिन्न प्रतिभाओं का सम्मान किया गया है। जिनमे प्रमुख रूप से पद्मश्री डॉ० माधुरी बर्थवाल, वरिष्ठ फिजिशियन डॉ० एस डी जोशी, प्रख्यात लोक गायिका रेखा धस्माना उनियाल, वरिष्ठ पत्रकार प्रेम पंचोली, वरिष्ठ पत्रकार राकेश बिजल्वाण आदि को सम्मानित किया गया है। 14 दिन तक के साथ जाने का मौका मिला।



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