उत्तराखंड

Weather Update: पांच दिनों की देरी से पूरे देश में छाया मानसून, महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश के आसार

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नई दिल्ली. मानसून ने पूरे देश को 13 जुलाई को कवर कर लिया था. जबकि, आमतौर पर ऐसा 8 जुलाई तक हो जाता है. इस बात की जानकारी मौसम विभाग ने बीते बुधवार को दी. पूरे देश में उपस्थिति दर्ज करा चुके दक्षिण पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) की रफ्तार कर्नाटक (Karnataka) में और तेज हो गई है. राज्य के कई हिस्सों में रेड, ऑरेज और येलो अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही अगले तीन दिनों में कोंकण और गोवा (Goa) में भारी से भारी बारिश के आसार हैं. वहीं, दिल्ली में आज गरज के साथ मध्यम से भारी बारिश हो सकती है.

गुरुवार को क्या है बारिश की स्थिति

मौसम विभाग की तरफ से बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, आज गुजरात के कुछ हिस्सों, कर्नाटक के आंतरिक और तटीय इलाकों और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र में भारी से भारी बारिश होने की संभावना है. हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अंडमान एंड निकोबार आईलैंड्स, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, सौराष्ट्र और कच्छ, मराठवाड़ा, तेलंगाना और केरल में भी भारी बारिश हो सकती है.

महाराष्ट्र में हो सकती है भारी बारिश

स्कायमेट वेदर के अनुसार, देश के पश्चिमी तट पर और खासतौर से कोंकण और गोवा में मानसून सक्रिय है. ऐसे में अगले 4-5 दिनों में कोंकण और गोवा में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. बुधवार को मिली जानकारी के अनुसार, अगले 48 घंटों में मुंबई और उपनगरों में मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान है. कहा जा रहा है कि इस दौरान मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र समेत राज्य के तटीय जिलों में बारिश की तीव्रता ज्यादा होगी.

मौसम विभाग ने बुधवार को कहा था कि अगले 24 घंटों में दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और कच्छ क्षेत्र में मध्य से तेज गरज के साथ बारिश की संभावना है. इस दौरान बाहर रहने को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है. भाषा के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून मंगलवार को अपने सामान्य समय से पांच दिन की देरी से पूरे राजस्थान में पहुंच गया था.

दिल्ली को कराया बहुत इंतजार

पीटीआई-भाषा के मुताबिक, आईएमडी के आंकड़े बताते हैं कि मानसून 2012 में सात जुलाई को और 2006 में नौ जुलाई को राजधानी दिल्ली पहुंचा था. वर्ष 2002 में, दिल्ली में 19 जुलाई को मानसून की पहली बारिश हुई थी. शहर में 1987 में सबसे देरी से 26 जुलाई को मानसून पहुंचा था. आम तौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है.

पिछले साल 25 जून को मानसून दिल्ली पहुंचा था और 29 जून तक पूरे देश में छा गया था. इस बार मानसून दिल्ली में सबसे अंत में आया है. सोमवार को मानसून दिल्ली को तरसता छोड़कर अपने आखिरी पड़ाव राजस्थान के जैसलमेर और गंगानगर जिलों तक पहुंच गया था. राजस्थान के ही रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में मानसून सामान्य तारीख से करीब दो हफ्ते पहले ही पहुंच गया था.

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