उत्तराखंड

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में वापसी के बाद क्या चाहता है तालिबान?

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काबुल. तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया है. तालिबान के क्षेत्र पर कब्जा करते ही राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत कई नेताओं ने देश को छोड़ दिया है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय पर कब्जा करते ही राष्ट्रपति राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया. हालांकि छुटपुट घटनाएं हुई हैं. तालिबान ने ये भी कहा है कि वो ताकत के बल पर काबुल पर कब्ज़ा नहीं करना चाहता है. तालिबानी लड़कों का कहना है कि वे सत्ता के ‘‘शांतिपूर्ण हस्तांतरण’’ का इंतजार कर रहे हैं तथा उन्होंने ताकत के बल पर इसे नियंत्रण में नहीं लेने का वादा किया. हालांकि अनिश्चितता की स्थिति से घबराए निवाासियों के साथ ही सरकारी कर्मचारी कार्यालयों से भागने लगे और अमेरिकी दूतावास पर हेलीकॉप्टर उतरने लगे.

अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि तालिबान राजधानी में कलाकन, काराबाग और पघमान जिलों में है. तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कतर के अल-जजीरा को बताया कि लड़ाके ‘‘काबुल शहर के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं.’’ उन्होंने अपने लड़ाकों और सरकार के बीच किसी भी संभावित वार्ता की जानकारी देने से इनकार कर दिया. हालांकि यह पूछने पर कि तालिबान किस तरह का समझौता चाहता है, इस पर शाहीन ने माना कि वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण कर दें.

दोबारा लागू होगा शरिया कानून?

ताबिलान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद अफगानिस्तान के लोगों को इस बात का डर है कि वह शरिया या इस्लामी कानून की कठोर प्रथाओं को लागू कर देगा. 1996 से 2001 के दौरान अफगानिस्तान में महिलाओं के काम करने पर पाबंदी थी. यदि कोई महिला काम करती थी तो उसे कोड़े मारने या फिर फांसी की सजा दी जाती थी.

अमेरिका का हस्तक्षेप बंद

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका ने अफ़गानिस्तान स्थित अपना दूतावास काबुल एयरपोर्ट पर शिफ़्ट कर दिया है. उन्होंने अफग़ानिस्तान के मौजूदा हालात की वियतनाम युद्ध से तुलना किए जाने पर भी आपत्ति जताई है. ब्लिंकन ने ज़ोर देकर कहा कि अमेरिका का अफ़गान मिशन ‘सफल’ रहा है. उन्होंने कहा, “यह साइगॉन नहीं है.”

आज से करीब 46 साल पहले वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका साइगॉन से कुछ ऐसे ही निकलना पड़ा था. राष्ट्रपति जो बाइडन के आलोचक और रिपब्लिकन सांसद अफ़गानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की तुलना साइगॉन से कर रहे हैं. इस बीच ताज़ा मिली जानकारी के मुताबिक़ अफ़गानिस्तान में अमेरिका के वरिष्ठ राजनायिक रॉस विल्सन ने दूतावास छोड़ दिया है. एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि विल्सन को काबुल एयरपोर्ट पहुंचाया गया.

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