कौन है वह उग्रवादी जिसकी मौत के बाद पूरे मेघालय में भड़की हिंसा, गृह मंत्री तक को देना पड़ा इस्तीफा
[ad_1]
शिलांग. मेघालय (Meghalaya) में एक पूर्व उग्रवादी की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद से पूरे राज्य में तनाव का मौहाल है. यह उग्रवादी नेता आत्मसमर्पण कर चुका था, हालांकि अधिकारियों ने बताया कि राज्य में हाल में हुए सिलसिलेवार धमाकों के संबंध में जब उसके घर पर छापेमारी की गई तब यह मुठभेड़ हुई, जिसमें उसकी मौत हो गई. इस मौत को लोग हत्या की संज्ञा दे रहे हैं, जिसके बाद राज्य में तनाव चरम पर हैं. जगह-जगह हिंसा की खबरें हैं, यहां तक कि मुख्यमंत्री कोनराड सांगमा के आवास तक पर बम फेंका गया. राज्य में बिगड़ते हालात की जिम्मेदारी लेते हुए गृह मंत्री ने अपने पद से इस्तीफे दे दिया और इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग की.
प्रतिबंधित हाइनीट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व महासचिव चेस्टरफील्ड थांगखिव (Cheristerfield Thangkhiew) ने 2018 में उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन त्यसोंग के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. पुलिस महानिदेशक आर चंद्रनाथन के मुताबिक पुलिस की एक टीम ने राज्य में हाल में हुए आईईडी हमलों के सिलसिले में मवलाई में थांगखिव के किनटोन मसार आवास पर छापेमारी की. उन्होंने बताया, ‘थांगखिव खिलहेरियाट में आईईडी हमले में वांछित था. हमारे पास सबूत थे. पुलिस की एक टीम ने तड़के उसके घर पर छापेमारी की. पुलिस के घर में घुसते ही, उसने एक चाकू लहराया और चार में से एक कॉन्स्टेबल पर हमला किया, जिसने जवाब में गोली चलाई.’
अधिकारी ने बताया कि थांगखिव को सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. चंद्रनाथन ने बताया कि उसके दो साथियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया और पुलिस ने बंदूक, उसके लैपटॉप में डिजिटल दस्तावेज और मोबाइल फोन जब्त किया. एचएनएलसी मंगलवार को शिलांग में भीड़-भाड़ वाले बाजार में हुए आईईडी विस्फोट की जिम्मेदारी ले चुका है जिसमें दो लोग घायल हो गए थे. पिछले महीने, खिलहेरियाट में पुलिस बैरक में आईईडी विस्फोट हुआ था जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था और इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं थी. मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि विस्फोट के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनमें से दो ने हमले में थांगखिव की सीधी संलिप्तता के साक्ष्य दिए थे.
चेस्टरफील्ड थांगखिव को जानिए
बता दें कि हाइनीट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) खासी जैंतिया ट्राइबल कम्युनिटी के लिए भारत के दूसरे राज्यों से आने वालों लोगों के खिलाफ लड़ने का दावा करती है. चेस्टरफील्ड थांगखिव एचएनएलसी के संस्थापक सदस्यों में एक था.
हिंदुस्तान टाइम्स ने HNLC के महासचिव कम प्रवक्ता साइनकूपर नोंगट्रा के हवाले से लिखा है कि थांगखिव केंद्रीय एजेंसी और प्रतिबंधित संगठन के बीच बातचीत का जरिया था और मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था.
नोंगट्रा ने आरोप लगाते हुए कहा, “आईबी और एसबी को भेजे गए सारे संदेश थांगखिव से होकर गए थे. हरमन पेकिन्टीन और ट्रेंग सा के साथ HNLC के जिन काडर ने सरेंडर किया था, वे लगातार थांगखिव को धमकी देते थे. और दोनों ने पुलिस के साथ मिलकर पूर्व महासचिव की हत्या की साजिश रची थी.’
HNLC की स्थापना 1987 में हुई थी और 54 वर्षीय थांगखिव को चेयरमैन जूलियस डोरफैंग और कमांडर इन चीफ बॉबी मरवीन के साथ सबसे खतरनाक उग्रवादियों में से एक माना जाता था. जूलियस डोरफैंग ने 24 जुलाई 2007 को सरेंडर कर दिया था. थांगखिव ने भी 18 अक्टूबर 2018 को मेघालय के डिप्टी सीएम प्रेस्टोन त्यसोंग के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था.
पढ़ेंः मेघालय के CM के आवास पर फेंका गया पेट्रोल बम, शिलांग में लगा दो दिन का कर्फ्यू
HNLC को नागालैंड के उग्रवादी समूह NSCN (IM) और त्रिपुरा के एनएलएफटी का करीबी माना जाता है. HNLC की स्थापना 1992 में हाइनीट्रेप अचिक लिबरेशन काउंसिल (HALC) में हुई टूट के चलते हुई थी. इसे मेघालय का पहला उग्रवादी ट्राइबल संगठन माना जाता है.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link