कौन हैं गढ़वाली कलाकार नरेंद्र सिंह नेगी, जिनके लिए पद्म पुरस्कार चाहते हैं CM धामी
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देहरादून. उत्तराखंड के पहाड़ों में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसने नरेंद्र सिंह नेगी की आवाज़ में पहाड़ों के लोकगीत न सुने हों. अपने गीत, संगीत ओर आवाज़ से उत्तराखंड की लोक संस्कृति को सामने लाने वाले लोक कलाकार नेगी फिलहाल इसलिए सुर्खियों में आए क्योंकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नेगी को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए केंद्र सरकार को संस्तुति भेजी जाएगी. जब एनडी तिवारी मुख्यमंत्री थे, तब एक पहाड़ी गाने ने तिवारी के प्रेम प्रसंग पर एक गीत रचा था, जिसने काफी हलचल मचाई थी, ये वही गाना था, जो नेगी के कला जीवन में टर्निंग पॉइंट रहा था.
उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोक गायक और गीतकार नरेन्द्र सिंह नेगी के जन्म दिवस के मौके पर हाल में एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें उनके जीवन दर्शन पर आधारित पुस्तक “सृजन से साक्षात्कार” भी लॉंच की गई. इस मौके पर पहुंचे सीएम धामी ने नेगी के लिए पद्म पुरस्कार की अनुशंसा संबंधी बात कही. अब तक 1000 से ज़्यादा लोकगीतों के साथ नेगी का नाम जुड़ चुका है और उम्र के 75 वर्ष पूरे कर रहे नेगी अब भी सक्रिय हैं.
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सीएम धामी ने नेगी की पुस्तक विमोचन कार्यक्रम संबंधी ट्वीट किया.
‘गढ़ रतन’ कहे जाते हैं नेगी
एक इंटरव्यू में नेगी ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में भी समय गुज़ारा, लेकिन उनका मन पहाड़ों में ही बसता रहा. ‘मैं शहरों में विलासिता का जीवन जीने वालों नहीं, बल्कि जीने के लिए संघर्ष करने वाले लोक जीवन के लिए गीत संगीत बनाता हूं.’ स्पष्ट तौर पर यह कहने वाले गढ़वाली कलाकार नेगी को गढ़ रतन से सम्मानित किया जा चुका है.
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क्यों कहे गए ‘डायलन ऑफ हिल्स’
अमेरिका से ऑस्ट्रेलिया तक कई देशों में परफॉर्म कर चुके नेगी कविताओं की कुछ किताबें भी लिख चुके हैं. लेकिन नेगी को शोहरत मिलने का किस्सा बड़ा रोचक रहा. 2006 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के प्रेम प्रसंगों की खूब चर्चा होती थी, तब नेगी ने ‘नौचामी नारायण’ गीत तैयार किया था. इस गाने में कांग्रेस नेता तिवारी के साथ ही उनके प्रेम प्रसंग के मामले में शामिल बहुत से नामों पर सीधा कटाक्ष किया गया था. इस गीत ने सियासी खेमों में भी खलबली मचाई थी और और कहा जाता था कि तिवारी की सत्ता जाने के पीछे इस गाने का बड़ा हाथ था. तभी से नेगी को ‘पहाड़ों का बॉब डायलन’ कहा जाने लगा था.
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