पहाड़ों पर जगह-जगह क्यों बनाए जाते हैं हनुमान जी के मंदिर? ये है वजह
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उत्तराखंड में वैसे तो अनेकों धार्मिक आस्थाएं हैं लेकिन एक आस्था ऐसी भी है, जिसमें पहाड़ के जिस भी क्षेत्र में वाहनों से जुड़ी ज्यादातर दुर्घटनाएं होती हैं, उस जगह पर एक मंदिर का निर्माण किया जाता है. लोगों का मानना है कि उस स्थान पर हनुमान जी की एक मूर्ति स्थापित की जाती है, जिसके बाद उस स्थान पर सड़क हादसे बिल्कुल थम जाते हैं. माना जाता है कि मंदिर निर्माण से दुर्घटना में मरने वालों की आत्माओं को भी शांति मिलती है.
इसका एक उदाहरण नैनीताल के खूपी गांव में देखा जा सकता है. 29 अगस्त, 1995 को यहां एक ट्रक हादसा हो गया था, जिस वजह से यहां एक हनुमान मंदिर की स्थापना की गई. जिसके बाद इस जगह पर कोई भी सड़क हादसा नहीं हुआ.
इसके अलावा बजरंग बली का एक मंदिर नैनीताल से 10 किलोमीटर की दूरी पर नैना गांव में स्थित है. यहां एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना की गई. नैना गांव स्थित मंदिर के पुजारी गंगा सिंह खाती बताते हैं कि यहां हुई दुर्घटना में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए हर साल 27 फरवरी को भंडारा आयोजित किया जाता है, जिसमें 3 से 4 हजार लोगों को भोजन कराया जाता है.
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