माइग्रेन जैसी बीमारी को ठीक कर सकता है योग-मेडिटेशन, दुनिया की एक बड़ी आबादी है पीड़ित
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नई दिल्ली. वैज्ञानिकों का अब ये मानना है कि दुनिया में सबसे सामान्य, लेकिन कष्टदायक बीमारियों में से एक माइग्रेन या सिरदर्द का इलाज बिना किसी दवा के ही संभव हो सकता है. इसके लिए भारत में परंपरा से चले आ रहे योग और मेडिटेशन का सहारा लिया जाता है. जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में छपी एक स्टडी में दावा किया गया है कि योग और मेडिटेशन से माइग्रेन का इलाज संभव है. एक रिसर्च में कहा गया है कि इस रोग से परेशान लोगों की संख्या लाखों या करोड़ों में नहीं है. बल्कि पूरी दुनिया में करीब एक अरब लोगों को माइग्रेन की बीमारी ने परेशान कर रखा है.
JAMA में प्रकाशित शोध में दावा किया गया है कि अगर माइग्रेन के शिकार लोग लगातार नियमित तौर से योग और मेडिटेशन का अभ्यास करें तो उनको सिरदर्द से काफी हद तक आराम मिल सकता है. सबसे रोचक बात है कि माइग्रेन का सबसे ज्यादा शिकार 18 से 45 साल के व्यक्ति होते हैं. इनमें सबसे बड़ी संख्या महिलाओं की होती है. माइग्रेन का शिकार होने वालों में महिलाओं की संख्या करीब 85 फीसद है. इसका साफ मतलब है कि माइग्रेन से पीड़ित होने वालों की बहुसंख्या युवा महिलाओं की है. युवा महिलाएं कई कारणों से अपनी हेल्थ को लेकर जागरूक नहीं होती हैं और इसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ता है.
स्टडी में सामने आए सबसे रोचक फैक्ट्स में से ये भी एक है कि ज्यादातर लोगों में माइग्रेन का रोग जेनेटिकली ही ट्रांसफर होता है. इस शोध में लोगों को दो ग्रुप्स में बांट दिया गया था. पहले समूह में शामिल लोगों को योग और मेडिटेशन की पूरी ट्रेनिंग दी गई और उनको नियमित रूप से घर पर प्रैक्टिस करने के लिए कहा गया. दूसरे समूह को माइग्रेन के बारे में पूरी जानकारी दी गई, लेकिन उनको योग और मेडिटेशन के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया. ये पाया गया कि पहले समूह के लोगों में सिरदर्द की शिकायत काफी हद तक खत्म हो गई थी.
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