उत्तराखंड

कृषि मंत्री ने दोहराई PM मोदी की बात, बोले-किसान समूहों को भरोसा न दिला पाने का दुख

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नई दिल्ली. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का स्वागत किया, लेकिन साथ ही खेद जताया कि सरकार कुछ किसान समूहों को इन कानूनों के लाभ के बारे में आश्वस्त करने में विफल रही. तोमर ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार तीन नए कृषि कानून लाकर कृषक समुदाय के सामने आने वाली अड़चनों को दूर करना चाहती थी. उन्होंने कहा कि संसद द्वारा पारित इन कानूनों से निश्चित रूप से किसानों को लाभ होता. उन्होंने कहा कि इन कानूनों के पीछे प्रधानमंत्री का इरादा किसानों के जीवन में ‘क्रांतिकारी बदलाव’ लाना था.

तोमर ने कहा, ‘मुझे दुख है कि हम कुछ किसानों को इन कानूनों के लाभ के बारे में समझाने में सफल नहीं हुए.’ प्रधानमंत्री ने हमेशा इन कानूनों के जरिये कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने की कोशिश की. लेकिन ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि कुछ किसानों को इन कानूनों में दिक्कतें दिखाई दीं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने तार्किक चर्चा के लिए बातचीत का रास्ता अपनाया. तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए मंत्री ने कहा, ‘हमने समझाने की कोशिश की लेकिन हम सफल नहीं रहे.’

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गिनाए किसानों के लिए किए गए काम
यह कहते हुए कि मोदी सरकार पिछले सात वर्षों से कृषि और किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रही है, तोमर ने वर्ष 2014 से शुरू की गई विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना तय करने का फैसला किया है, जिससे खरीद दोगुनी हो गई है. उन्होंने कहा कि छोटे किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पीएम-किसान योजना शुरू की है, जिसके तहत अब तक किसानों को 1.62 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है.

पिछले सात वर्षों में फसल ऋण को दोगुना कर दिया गया है, जबकि किसान क्रेडिट कार्ड कवरेज का भी विस्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि करीब एक लाख करोड़ रुपये का अवसंरचना कोष (इंफ्रास्ट्रक्चर फंड) भी स्थापित किया गया है.

Tags: Farm laws, Narendra Singh Tomar



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