उत्तराखंड

लकड़ी-पत्थर से बना मल्ला महल, ऐतिहासिक धरोहरों का गढ़ है ये किला

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सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध अल्मोड़ा में ऐतिहासिक इमारतें इस शहर की प्रमुख पहचान हैं. चंद राजाओं की राजधानी रहे इस शहर में चंद वंशीय राजा अपनी धरोहर के रूप में कई निशानियां छोड़ गए, इन्हीं में से एक है मल्ला महल. यह महल चंद राजाओं का किला या फिर कहें तो उनके शासन का मुख्य केंद्र रहा था. यहीं से चंद राजाओं ने कुमाऊं में राज-काज चलाया. इसके बाद ब्रिटिश शासन में अंग्रेजों ने इसी भवन से कुमाऊं कमिश्नरी संचालित की.

मल्ला महल की खास बात यह है कि इसमें पूरे भवन में लकड़ी और पत्थरों का काम किया गया है, जो उत्तराखंड की प्राचीन कलाकारी का एक नमूना भी है. इस महल में चंद राजाओं के साथ-साथ ब्रिटिश शासनकाल की वस्तुएं आज भी सुरक्षित हैं, जिसमें- बक्से, तिजोरी, तलवार के साथ ब्रिटिश काल की कुर्सी और टेबल मौजूद हैं. यहां ब्रिटिश काल का हुकूमनामा यानी 1868 में लिखा गया एक लेटर भी संरक्षित रूप से रखा गया है.

इतिहासकारों का कहना है कि मल्ला महल में रानियों के कमरे से जुड़ी एक सुरंग हुआ करती थी, जो तल्ला महल ड्योड़ीपोखर में जाती थी. वर्तमान में इस भवन से अल्मोड़ा जिले का प्रशासनिक कार्य चल रहा है. अब नया कलेक्ट्रेट भवन बनने के साथ ही इस भवन को म्यूजियम बनाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है.

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