उत्तराखंड

पंजाब सरकार के शीर्ष वकील एपीएस देओल का नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला, कहा- सरकार के कामकाज में डाल रहे हैं बाधा

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चंडीगढ़. पंजाब में कांग्रेस सरकार (Punjab Congress) और पार्टी अध्यक्ष के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने शनिवार को फरीदकोट स्थित उस गुरुद्वारे का दौरा किया, जहां वर्ष 2015 में बेअदबी का मामला सामने आया था. वहीं इसके बाद पंजाब सरकार के सबसे बड़े वकील महाधिवक्ता एपीएस देओल (Advocate General APS Deol )ने एक बयान जारी कर सिद्धू पर आरोप लगाया कहा कि प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख ‘सरकार के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं’ और उनकी टिप्पणियां ‘बेअदबी तथा ड्रग्स मामले’ में न्याय सुनिश्चित करने की सरकार की कोशिशों को पटरी से उतार रही है.

देओल ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए अपने राजनीतिक सहयोगियों के खिलाफ गलत सूचना फैला रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी चुनावों को देखते हुए सिद्धू पंजाब के महाधिवक्ता के संवैधानिक पद का राजनीतिकरण कर अपने स्वार्थी राजनीतिक लाभ के लिए कार्य कर रहे हैं. वह पार्टी के कामकाज को भी खराब करने की भी कोशिश कर रहे हैं.

बता दें कि सिद्धू की आपत्ति के बाद देओल की नियुक्ति विवादों में आ गई थी. सिद्धू ने 28 सितंबर को अन्य बातों के अलावा देओल की नियुक्ति का विरोध करते हुए पीपीसीसी प्रमुख के पद से इस आधार पर इस्तीफा दे दिया था कि देओल पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और परमराज सिंह उमरानंगल के बचाव पक्ष के वकील थे. दोनों बहबल कलां पुलिस फायरिंग मामले में आरोपी थे. हालांकि देओल की नियुक्ति के बाद यह भी बहस जारी थी कि वह सैनी और उमरानंगल के वकील होने के नाते, न तो पेश हो पाएंगे और न ही संबंधित मामलों में राज्य को सलाह दे पाएंगे.

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सिद्धू ने शुरू में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पार्टी प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बावजूद अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया, लेकिन अब बीते शुक्रवार को उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपना इस्तीफा वापस ले लिया और कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा डीजीपी आईपीएस सहोता और देओल की जगह लेने के बाद ही कार्यभार संभालेंगे.

अभी तक राज्य सरकार ने देओल के प्रतिस्थापन को अंतिम रूप नहीं दिया है, हालांकि कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं के नामों पर विचार किया जा रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के तुरंत बाद अतुल नंदा के इस्तीफे के बाद पद खाली होने के बाद देओल को नियुक्त किया गया था.

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