उत्तराखंड

अल्मोड़ा: भुवन जोशी हत्याकांड़ के आरोपियों को नहीं मिली जमानत, हाईकोर्ट ने SSP को दिया यह आदेश

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नैनीताल. अल्मोड़ा के भूवन जोशी हत्याकांड़ (Bhuvan Joshi Murder Case) के 5 आरोपियों की जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज हो गई है. कोर्ट ने एसएसपी अल्मोड़ा को तत्कालिन दन्यां के प्रभारी निरीक्षक की भूमिका संदिग्ध लगने पर जांच का आदेश दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट (High Court) ने एसएसपी अल्मोड़ा को आदेश दिया है कि वो इस पूरे मामले की जांच तकनीकी ज्ञान में दक्ष पुलिस अधिकारी से कराएं. इस पूरे मामले के आरोपी नर सिंह, दिवान सिंह, महेश पाण्डे, हरीश पाण्डे और दया किशन पाण्डे ने निचली अदालत से जमानत याचिका (Bail Plea) दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूरी घटना को गम्भीर मानते हुए यहां तक कहा कि क्या पूरे गांव में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था कि जो इस घटना को रोक सकता था.

क्या था मामला, क्यों हुई थी भूवन जोशी की हत्या

दरअसल, मृतक भूवन जोशी पर एक युवती के पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी दुकान पर आई तो तीन लड़के पहले से ही वहां पर बैठे थे और ये तीनों ने उनकी बेटी के साथ छेड़खानी की है. और ये उनकी बेटी को खींचकर बगल वाले कमरे में ले गये. जब बेटी ने हल्ला किया तो कई लोग मौके पर पहुंचे जिसमें 2 लड़कों को पकड़ लिया गया और एक भाग गया. युवती के पिता ने तहरीर में कहा था कि भुवन जोशी उनकी लड़की को फोन पर धमकी देता था और उसके घर के सामने जहर खाने की धमकी देता था. इसी मामले में दूसरी एफआईआर मृतक भुवन जोशी के भाई की ओर से थाने में दी गई और जिसमें एक युवती द्वारा गांव में मिलने के लिये अपने गांव में बुलाने की बात कही है.

कोर्ट ने पूरे मामले को गम्भीर माना है

एफआईआर में कहा गया है कि जब उसके भाई उस गांव में गया तो 8-10 लोगों ने उसको मारना शुरू कर दिया. और उसको बोतल से कोई तरल पदार्थ पिला दिया. उसके भाई को फंसाने के लिये झुटी रिपोर्ट लिखाकर उसको पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस ने उपचार के लिये अस्पताल में भुवन को भर्ती किया लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. एफआईआर में युवती उसके पिता समेत गांव के कई और लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई थी. हालांकि, बाद में पुलिस ने कई लोगों को इस मामले पर गिरफ्तार किया और जेल भेजा है. निचली अदालत से याचिका खारिज होने के बाद अब कुछ आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत के लिये प्रर्थना पत्र दाखिल किया था, जिसको हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. और कोर्ट ने पूरे मामले को गम्भीर माना है.

खूब चर्चाओं में रहा मामला

अल्मोड़ा की ये घटना खुब चर्चाओं में रहा है. इस दौरान सोशल मीडिया पर इसको लेकर लोग इसकी खूब चर्चा कर रहे थे. इस दौरान भुवन को न्याय के लिये भी हैस टैक चलाया गया था. सोशल मीडिया में घटना के कई वीडियों भी वायरल हुए थे, जिसमें लोग दो युवकों की पिटाई करते हुए दिख रहे थे.

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